लाेकसभा सीट अजमेर सांवरलाल जाट, लाेकसभा सीट अलवर चांदनाथ तथा मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कीर्ति कुमारी के निधन के बाद इन सीटाें पर चुनाव हाेना है। भाजपा में सीएम की प्रतिष्ठा इन उपचुनाव में लगी हुई है। वहीं कांग्रेस में राहुल गांधी के नजदीक माने जाने वाले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की साख दांव पर लगी हुई है। कांग्रेेस के गढ़ रहे अलवर में भाजपा को पहली बार कांग्रेस नेता जितेन्द सिंह की मां महेन्द कुमारी ने ही जीत दिलाई थी, जो बाद में भाजपा से अलग हो गई। इस क्षेत्र से दस बार जीत कांग्रेस को ही मिली, लेकिन पिछली बार कांग्रेस के जितेन्द्र सिंह को भाजपा के चांदनाथ से हारना पड़ा।
यादव बाहुल्य इस क्षेत्र में भाजपा किसी यादव को उम्मीदवार बना सकती है, जबकि कांग्रेस ने जितेन्द सिहं को नहीं उतारा तो यादव पर ही दांव चलाया जा सकता है। चर्चाए हैं कि भाजपा अलवर लाेकसभा सीट से डाॅक्टर किरोड़ी लाल मीणा काे भी उतार सकती है। अजमेर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट यह कह चुके है कि आलाकमान ने आदेश दिया तो वह जरुर उपचुनाव मैदान में उतरेंगे।
वैसे कांग्रेस अपने प्रदेशाध्यक्ष को दांव पर शायद ही लगाए, क्याेंकि अगर पायलट चुनाव हार गए ताे आगामी विधानसभा चुनाव में इसका बुरा असर पड़ेगा। 14वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में सचिन पायलट काे भाजपा के प्रो. सांवरलाल जाट के हाथों 171000 से ज्यादा वोटों से पराजित हुए थे। उप चुनाव काे लेकर दाेनाें भाजपा आैर कांग्रेस दाेनाें दलाें ने पूरी ताकत लगा दी है। भारतीय जनता पार्टी कीर्ति कुमारी की मृत्यु के कारण रिक्त सीट पर किसी राजपूत प्रत्याशी को ही पार्टी उम्मीदवार बनाने की संभावना जतार्इ है। भाजपा यहां से किसी राजपूत कार्यकर्ता को टिकट देकर कीर्ति की स्वाइन फ्लू से हुर्इ माैत के बाद सहानुभूति की लहर के जरिए चुनाव जीतना चाहती है।