मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने बताया कि एक ही लोकसभा एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक ही नाम के दो प्रत्याशी होने की स्थिति में मतदाताओं की भ्रांति दूर करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने यह व्यवस्था दी थी।
ये होगी नई व्यवस्था
इस नई व्यवस्था के तहत मतपत्र पर चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी की 2 गुणा 2.5 सेमी आकार की फोटो भी लगी होगी। नई व्यवस्था के तहत ईवीएम मतपत्र पर अब प्रत्याशी का नाम, फोटो और अंत में चुनाव चिन्ह दर्शाया जाएगा।
वहीं नोटा में फोटो की जगह स्थान खाली रखा जाएगा तथा नोटा का चिन्ह भी अंकित होगा। भगत ने बताया कि सेवा नियोजित मतदाताओं को भेजे जाने वाले मतपत्रों में भी फोटो अंकित होगी लेकिन उन मतपत्रों में सबसे पहले प्रत्याशी का अंग्रेजी और हिंदी में नाम, फिर चुनाव चिन्ह और आखिर में फोटो अंकित होगी।
गौरतलब है कि इन उप चुनावों में 11 हजार 580 सेवा नियोजित मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि आयोग के निर्देशों के अनुसार इस बार से नामांकन पत्रों पर भी प्रत्याशियों के फोटो लगाए गए हैं। उन्होंने बताया हालांकि प्रदेश के धौलपुर विधानसभा उपचुनाव में यह प्रयोग किया जा चुका है लेकिन लोकसभा के किसी भी चुनाव में यह प्रयोग पहली बार किया जाएगा।
29 जनवरी को होंगे चुनाव प्रदेश के अलवर और
अजमेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ विधानसभा में आगामी 29 जनवरी को चुनाव करवाए जाएंगे। तीनों सीटों पर 39 लाख से ज्यादा मतदाता कर सकेंगे मतदान अजमेर, अलवर और मांडलगढ़ में इस बार 39 लाख 2 हजार 168 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
इनमें से अलवर जिले में 18 लाख 27 हजार 936, अजमेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 18 लाख 42 हजार 992 और भीलवाड़ा के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 31 हजार 240 कुल मतदाता हैं। इनके लिए विभाग ने अलवर में 1979, अजमेर में 1907 और मांडलगढ़ में 280 मतदान केंद्र बनाए हैं। इसी तरह कुल 28 सहायक मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं ताकि मतदाता को चुनाव के दौरान किसी भी अव्यवस्था का सामना नहीं करना पड़े।