महेश शर्मा- ओम प्रकाश माथुर भाजपा ने वर्ष 2006 में पार्टी के वरिष्ठ नेता महेश शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। संघ और भाजपा नेताओं के बीच तालमेल बनाने की दिशा में महेश को अध्यक्ष बनाया जाना महत्वपूर्ण कदम बताया गया था। भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन विवाद इतना बढ़ा कि वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें अध्यक्ष पद से हटाना पड़ा। उनकी जगह ओम प्रकाश माथुर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। ओम प्रकाश माथुर के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही वर्ष 2008 में विधानसभा और 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा गया।
अरुण चतुर्वेदी- वसुंधरा राजे
भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी को वर्ष 2009 में प्रदेश अध्यक्ष पद सौंपा गया था। वे अपना कार्यकाल भी पूरा कर चुके थे और वर्ष 2013 विधानसभा चुनावी साल में भी अध्यक्ष बने हुए थे, लेकिन संघ और वसुंधरा राजे खेमे के बीच तालमेल नहीं बैठा पाने के चलते फरवरी, 2013 में उनको भी पद से हटना पड़ा था। चतुर्वेदी को हटा कर वसुंधरा राजे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
अशोक परनामी- मदन लाल सैनी
प्रदेश में वर्ष 2013 में भाजपा की सरकार बनी। वर्ष 2014 में अशोक परनामी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। परनामी लगातार अध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहे, लेकिन वर्ष 2018 आते-आते उन पर भी तालमेल नहीं बैठा पाने के आरोप लगे। परनामी पर आरोप लगे कि वे सभी गुटों को साथ लेकर नहीं चल पा रहे। ऐसे में दिल्ली को वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव से ठीक छह माह पहले अध्यक्ष बदलना पड़ा। परनामी की जगह मदन लाल सैनी को चुनावी साल में अध्यक्ष बनाया गया।