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707 ग्राम पंचायतों में 15 मार्च को होगा चुनाव

locationजयपुरPublished: Feb 28, 2020 05:22:14 pm

State Election Commission : राज्य निर्वाचन आयोग ने सरपंचों और पंचों के प्रथम चरण में सीलबंद कर सुरक्षित अभिरक्षा में रखे गए नाम निर्देशन पत्रों वाली 1119 ग्राम पंचायतों में…

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707 ग्राम पंचायतों में 15 मार्च को होगा चुनाव

जयपुर
State Election Commission : राज्य निर्वाचन आयोग ने सरपंचों और पंचों के प्रथम चरण में सीलबंद कर सुरक्षित अभिरक्षा में रखे गए नाम निर्देशन पत्रों वाली 1119 ग्राम पंचायतों में से 707 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इन 707 ग्राम पंचायतों में 15 मार्च को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। इन पंचायतों में सरपंच पद का चुनाव ईवीएम मशीन और पंच पद का चुनाव मतपत्र से कराया जाएगा। चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि इन चुनावों के लिए 14 मार्च को मतदान दलों की रवानगी हो जाएगी। मतदान के तुरंत बाद ही मतगणना करवाई जाएगी। इन सभी पंचायतों पर 16 मार्च को उपसरपंच का चुनाव करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1119 ग्राम पंचायतों में से 707 ऐसी ग्राम पंचायत हैं जो कि पंचायत राज विभाग की पुनर्गठन की अधिसूचना दिनांक 15-16 नवंबर के बाद जारी अधिसूचनाओं से अप्रभावित है। इन पदों का आरक्षण भी पूर्वानुसार है। इन पर पुनः आरक्षण से इनमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि पंचायतीराज विभाग की ओर से आरक्षण अंतिम किए जाने के बाद पंचायतीराज संस्थाओं के पंच एवं सरपंच के चुनाव कराने के लिए आयोग ने 26 दिसंबर 2019 को तीन चरणों का और शेष रही पंचायतों के लिए 4 जनवरी को चतुर्थ चरण का कार्यक्रम जारी किया गया। प्रथम चरण में शामिल ग्राम पंचायतों के सरपंच एव पंच के लिए लोक सूचना जारी कर नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किए गए। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा, वापसी, एवं चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन कर उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटन का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया था।

चुनाव करवाने में नहीं कोई अड़चन
चुनाव आयुक्त मेहरा ने बताया कि इन ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं पंच पद के निर्वाचन को पूर्ण करने में अब कोई विधिक अडचन नहीं हैं। ऐसे में इनकी चुनाव प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी। बाकी बची 412 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जो पुनर्गठन से प्रभावित हैं या पूर्व के जाति या वर्ग के अनुसार आरक्षित नहीं रह गई हैं। उनके लिए कार्यक्रम को आगे बढ़ाना संभव नहीं था। उन पंचायतों के लिए जारी की गई लोकचूसना को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया है।

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