7 हजार 996प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति में होंगे चुनाव
7996 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में चुनाव 18 जनवरी से
28 जिलों की दुग्ध सहकारी समितियों का चुनाव कार्यक्रम घोषित
समितियों में संचालक मण्डल के कुल 95952 सदस्य होंगे निर्वाचित
न्यूनतम 15992 महिला, 7996 एससी व 7996 एसटी सदस्य होंगे
लंबे समय के इंतजार के बाद सहकारी समितियों के चुनाव 18 जनवरी से होंगे। पहले चरण में 18 जनवरी से प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव होंगे। प्रदेश के 31 जिलों की 7 हजार 996 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में 18 जनवरी से 31 मार्च तक चुनाव करवाए जाएंगे। सहकारी समितियों में होने वाले चुनाव में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के लिए राजस्थान राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है और संबंधित सभी सहकारी समितियों में चुनाव के लिए प्राधिकरण ने आदेश जारी कर दिए हैं। चुनाव कराने के लिए सहकारिता विभाग के कार्मिकों एवं अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम तय कर लिया गया है।
7 हजार 996 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के चुनाव से संचालक मंडल के 95 हजार 952 के सदस्य निर्वाचित होंगे। निर्वाचित सदस्यों में न्यूनतम 15 हजार 992 महिला सदस्य, 7996 अनुसूचित जाति एवं 7996 अनुसूचित जनजाति के सदस्य होंगे।
सबसे अधिक सहकारी समिति जयपुर में
जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ जयपुर में सर्वाधिक 2 हजार 122 समितियों में तथा बांसवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के तहत सबसे कम 36 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में चुनाव होंगे। जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ जयपुर में 2122 समितियों, सीकर.झुंझुनूं में 305 समितियों, झालावाड़.बारां में 48, कोटा.बूंदी में 344, बांसवाड़ा में 36, उदयपुर में 274,चितौडगढ़़ में 318, श्रीगंगानगर में 776,बीकानेर में 172, चूरू में 131, अजमेर में 662, नागौर में 376, टोंक में 184, भीलवाड़ा में 1092,जोधपुर में 106, पाली में 239, बाड़मेर में 50, जालौर में 154, भरतपुर में 56 तथा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अलवर में 551 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में चुनाव 18 जनवरी से 31 मार्च, 2021 तक दो से आठ चरणों में करवाए जाएंगे।
इनका कहना है,
कोविड.19 महामारी के कारण सहकारी समितियों के चुनाव में देरी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान कर लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण को पूर्णतया स्थापित किया जाए ताकि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति की सहभागिता सुनिश्चित हो सके। हमारी सरकार की मंशा है कि सभी सहकारी समितियों के चुनाव नियमित अंतराल के बाद लगातार होते रहे। इसी को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।
उदयलाल आंजना, सहकारिता मंत्री
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