इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए सरकार हर संभव जतन कर रही है। ई-व्हीकल (eco friendly vehicles) को प्रोत्साहित करने के लिए जीएसटी में भी छूट दी गई है। दुनियाभर में बढ़ते वायु प्रदूषण से चिंता बढ़ रही है। पर्यावरण संरक्षण के विश्व व्यापी प्रयासों के चलते ही अब कहीं व्हीकल फ्री जोन बनाए जा रहे हैं तो कहीं व्हीकल फ्री डे घोषित किया जा रहा है। पर्यावरण चिंता और विश्वव्यापी प्रयासों को देखते हुए लगता है कि आने वाले समय में सड़कों पर केवल इको फ्रेंडली व्हीकल ही दिखेंगे। नई दिल्ली में सरकारी बसें परिवहन बेड़े में आ चुकी हैं। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक बसें दौडऩे लगी है। पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की पहल के तहत गोवा राज्य परिवहन निगम के बेड़े में 50 इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। कादंबा परिवहन निगम के अध्यक्ष कार्लोस अल्मेडा ने बुधवार को कहा कि 50 इलेक्ट्रिक बसें सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर संचालित होंगी। उन्होंने बताया कि ये बसें नवंबर तक गोवा की सड़कों पर दिखाई देंगी। राजस्थान रोडवेज (rajasthan roadways) के बेड़े में अब जल्द ही इलेक्ट्रिक बसें शामिल होने जा रही है। फेम-2 योजना के तहत पहले चरण में रोडवेज 50 बसें अनुबंध पर लेगा। इन बसों को जयपुर-दिल्ली रूट पर चलाया जा सकता है। सब कुछ अगर योजना के मुताबिक रहा तो राजस्थान रोडवेज देश की पहली ऐसी परिवहन एजेंसी होगी, जो इलेक्ट्रिक बसों का संचालन इंटर स्टेट करेगी। जल्द रोडवेज इसके लिए टेंडर जारी करेगी।