इस आदेश से राजस्थान के ऊर्जा विभाग में हलचल मच गई है। अब इसके बाद प्रदेश के उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का भार भी बढ़ सकता है। हालांकि अभी डिस्कॉम के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला है। डिस्कॉम को महज दो महीने में ही अडानी पावर को यह पैसा चुकाना होगा।
इस मामले में राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल उठना शुरू हो गए हैं। क्या उन्होंने अडानी पावर से बिजली खरीदने को लेकर तैयार किए अनुबंध पत्र को समझने में कोई भूल तो नहीं कर दी थी। खैर इस मामले में आगे डिस्कॉम पर निर्भर करेगा कि वह किस तरह से 5200 करोड़ चुकाए। हालांकि चर्चा तो इन रुपयों को उपभोक्ताओं से वसुलने की है।