चार विद्युत उत्पादन इकाइयों में तकनीकी खराबी के चलते खड़ा हुआ बिजली संकटउत्पादन निगम अधिकारी बोले देररात शुरू हुआ बिजली उत्पादन……..
जयपुर। प्रदेश में की विद्युत उत्पादन इकाईयों में कोयले की कमी और कुछ विद्युत उत्पादन इकाईयों के ठप होने के कारण प्रदेश में बिजली की जबरदस्त किल्लत के हालातों से विद्युत निगम अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। हालांकि उत्पादन निगम अधिकारियों ने बीती देररात बिजली इकाइयों में बिजली उत्पादन शुरू होने की बात कही है लेकिन फिलहाल प्रदेश में बिजली संकट टला नहीं है।
बीते मंगलवार को कालीसिंध की 600 मेगावाट की दो, सूरतगढ़ की एक इकाई में बिजली ट्रांसफार्मर में आई तकनीकी खराबी और रामगढ़ की एक यूनिट में आयल लीकेज होने के चलते बिजली उत्पादन ठप हो गया। जिसके चलते प्रदेशभर में करीब चार हजार मेगावट बिजली किल्लत होने से विद्युत कंपनियों के अफसरों के पसीने छूट गए हैं और इधर उधर से बिजली लेकर और रोटेशन प्रणाली से उपभोक्ताओं को बिजली देेने के इंतजाम बीती शाम शुरू किए गए। रोटेशन प्रणाली से लोडशेडिंग लागू करने की कार्रवाई भी निगम स्तर पर शुरू हुई लेकिन बीती देररात तीनों इकाइयों में बिजली उत्पादन पूरी क्षमता से शुरू होने पर काफी हद तक विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से बहाल हो गई है। उत्पादन निगम अधिकारियों ने हालांकि कोयले की कमी होने से इंकार किया है।
मालूम हो राजस्थान उर्जा विकास निगम की ओर से मंगलवार शाम को जारी विज्ञप्ति के अनुसार निगम के अनुसार 1200 मेगावाट क्षमता की कालीसिंध, 1200 मेगावाट अडानी, 500 मेगा वाट सूरतगढ़, 250 मेगा वाट एनएलसी बरसिंगसर, 250 मेगावाट छबड़ा, 180 मेगा वाट RAPS, 200 मेगा वाट
कोटा , व 135 मेगावाट क्षमता की राज वेस्ट विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद होने के कारण उपलब्धता में 4000 मेगावाट बिजली की कमी आने की सूचना जारी की गई। उर्जा निगम के अनुसार लोडशेडिंग के तहत पावर एक्सचेंज और यूआरएस पावर से बिजली खरीद कर विद्युत की उपलब्धता में आई कमी को दूर करने की कवायद देरशाम शुरू की गई। वहीं अब उत्पादन निगम ने सभी बंद हुई इकाइयों मेें पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन शुरू जहोने की बात कही है।
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीएस आर्या के अनुसार चार इकाइयों में बिजली उत्पादन बीती शाम कुछ कारणों से बंद हुआ जिसे देररात बहाल कर दिया गया है। फिलहाल बिजली संकट हालात काबू में हैं।