ऊर्जा मंत्री डॉ बी.डी.कल्ला ने कहा कि यह 33/11 केवी का पहला गैस इन्सूलेटेड सब स्टेशन होगा। इससे हर साल 1 करोड़ रुपये की बिजली बचत होगी। बिजली की बचत ही बिजली का नया उत्पादन है। अब प्रसारण तंत्र को मॉर्डनाइजेशन करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि शहर में नई तकनीक से गैस इन्सूलेटेड आधारित 33/11 केवी के 4 सब-स्टेशन बनाये गए है। इनमे रामगंज, महेश नगर के पास भगवती नगर, मीना का नाड़ा व जनाना अस्पताल में बनाये गए है। जनाना अस्पताल सब-स्टेशन का लोकार्पण कर दिया गया है।
जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक नवीन अरोड़ा ने बताया कि नई तकनीक से निर्मित गैस इन्सूलेटेड आधारित 33/11 केवी सब-स्टेशन की अनुमानित लागत 8 करोड़ रूपये आई है। इससे चांदपोल के आसपास के क्षेत्र के करीब 5000 उपभोक्ता लाभान्वित होंगें।इससे क्षेत्र के उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। इस सब-स्टेशन की कमीशनिंग रिमोट से ही की जाएगी। लोकार्पण के मौके पर जयपुर डिस्कॉम तकनीकी निदेशक के पी वर्मा, पीएफसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सघन आबादी क्षेत्र में उपयोगिता
राजस्थान डिस्कॉम्स के चेयरमैन भास्कर ए सांवत ने बताया कि इस नई तकनीक से निर्मित होने वाले 33/11 केवी सब-स्टेशनों के निर्माण की उपयोगिता सघन आबादी क्षेत्रों में होती है। इन क्षेत्रों ने जगह की कमी होती है। यह सब स्टेशन आजादी के अमृत महोत्सव पर भारत सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत पावर फाइनन्स कॉर्पोरेशन द्वारा पोषित है।