पुराना घाट फीडर पर अधिकारियों-कर्मचारियों ने 19 फरवरी को शाम 6 से रात 11 बजे तक यह कारनामा किया। ऑन द स्पॉट बिलिंग के तहत उन्हें उपभोक्ताओं के घर जाकर बिजली मीटर की फोटो लेनी होती है लेकिन ऑफिस के ताले और कार्मिकों के फोटो मैनेज कर झूठा सबूत चस्पा करते रहे। औसत बिल के साथ दिखाते रहे कि कर्मचारी मौके पर जाकर आए हैं, उपभोक्ताओं के घरों पर ताले लगे हुए थे।
यों किया लोगों से धोखा
विद्युत वितरण निगम ने शहर में 7 डिवीजनों पर वर्षों से ठेके पर कर्मचारी लगा रखे हैं मगर पुराना घाट डिवीजन से ठेकाकर्मी हटा दिए गए हैं। इनकी जगह लगाए गए सरकारी कर्मचारियों को कार्य-क्षेत्र की जानकारी नहीं है। ऐसे में बिल नहीं बन पाए और आखिरी तिथि (19 फरवरी) आ गई। ऑन द स्पॉट बिलिंग में मौके की फोटो अनिवार्य है इसलिए अंतिम तिथि को शाम 6 बजे तक तो घर-घर जाकर बिल बनाए। फिर अफसर-कार्मिकों ने रास्ता निकाला और ऑफिस में बैठे-बैठे 5 घंटे में एवरेज के 1200 बिल तैयार कर लिए। अधिकतर घरों को लॉक दिखाकर कार्यालय के कमरों, खिड़कियों, कर्मचारियों, गार्ड आदि के फोटो लगा दिए।
विद्युत वितरण निगम ने शहर में 7 डिवीजनों पर वर्षों से ठेके पर कर्मचारी लगा रखे हैं मगर पुराना घाट डिवीजन से ठेकाकर्मी हटा दिए गए हैं। इनकी जगह लगाए गए सरकारी कर्मचारियों को कार्य-क्षेत्र की जानकारी नहीं है। ऐसे में बिल नहीं बन पाए और आखिरी तिथि (19 फरवरी) आ गई। ऑन द स्पॉट बिलिंग में मौके की फोटो अनिवार्य है इसलिए अंतिम तिथि को शाम 6 बजे तक तो घर-घर जाकर बिल बनाए। फिर अफसर-कार्मिकों ने रास्ता निकाला और ऑफिस में बैठे-बैठे 5 घंटे में एवरेज के 1200 बिल तैयार कर लिए। अधिकतर घरों को लॉक दिखाकर कार्यालय के कमरों, खिड़कियों, कर्मचारियों, गार्ड आदि के फोटो लगा दिए।
समय भी खोल रहा पोल
अफसरों-कार्मिकों ने 1200 बिल शाम 6 से रात 11 बजे तक बनाए। इतनी रात तक बिल बनाने को लेकर तो सवाल खड़े हो ही रहे हैं। घर-घर फोटो में करीब 5-10 मिनट लगते हैं जबकि उक्त अवधि में बनाए गए बिलों के बीच 1-2 मिनट का ही अन्तर आ रहा है। कई बिल तो एक ही समय पर बनाए गए हैं।
अफसरों-कार्मिकों ने 1200 बिल शाम 6 से रात 11 बजे तक बनाए। इतनी रात तक बिल बनाने को लेकर तो सवाल खड़े हो ही रहे हैं। घर-घर फोटो में करीब 5-10 मिनट लगते हैं जबकि उक्त अवधि में बनाए गए बिलों के बीच 1-2 मिनट का ही अन्तर आ रहा है। कई बिल तो एक ही समय पर बनाए गए हैं।
गलती खुद की, खामियाजा भुगत रहे लोग
पुराना घाट फीडर से लगभग 26 हजार हजार उपभोक्ता जुड़े हैं। फीडर से जुड़ी कई कॉलोनियों में आज तक बिल नहीं पहुंचे हैं। भरत बिहार बी-सी, मधुबन कॉलोनी, बंधा वाली ढाणी, गोपाल विहार, गणेश विहार सहित कई कॉलोनियों के उपभोक्ताओं के औसत बिल बनाए गए हैं। परेशान लोगों को कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अपनी गलती छुपाने के लिए कार्मिक अब लोगों से पुराना बिल या मीटर का फोटो मांग रहे हैं।
पुराना घाट फीडर से लगभग 26 हजार हजार उपभोक्ता जुड़े हैं। फीडर से जुड़ी कई कॉलोनियों में आज तक बिल नहीं पहुंचे हैं। भरत बिहार बी-सी, मधुबन कॉलोनी, बंधा वाली ढाणी, गोपाल विहार, गणेश विहार सहित कई कॉलोनियों के उपभोक्ताओं के औसत बिल बनाए गए हैं। परेशान लोगों को कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अपनी गलती छुपाने के लिए कार्मिक अब लोगों से पुराना बिल या मीटर का फोटो मांग रहे हैं।
लोग बोले हम तो घर पर ही थे
रमेशचंद मीणा, बंधा वाली ढाणी : काफी दिनों से बीमार चल रहा हूं। पिछली 19 फरवरी को क्या, मैं तो पूरे महीने घर पर ही हूं। मीटर की रीडिंग लेने कोई नहीं आया।
रमेशचंद मीणा, बंधा वाली ढाणी : काफी दिनों से बीमार चल रहा हूं। पिछली 19 फरवरी को क्या, मैं तो पूरे महीने घर पर ही हूं। मीटर की रीडिंग लेने कोई नहीं आया।
सीमा मीणा, भरतविहार-सी: हमारा मीटर ही बाहर लगा है। वैसे भी 19 की शाम को हम घर ही थे। घर पर मीटर रीडिंग लेने कोई आया ही नहीं। ऑफिस में जा बिल निकलवाया और जमा कराया।
श्रवणकुमार, बंधा वाली ढाणी: मैं चूरू में रहता हूं, मगर मेरा परिवार तो घर पर ही रहता है। पिछली 19 फरवरी को शाम 7.30 बजे मेरा परिवार घर पर ही था। ऐसा तो सभी जगह होता है
-तकनीकी समस्या थी इसलिए बिल नहीं बन पाए। वैसे अन्तिम तारीख को सभी जगह इसी तरह बिल बनाए जाते हैं।
सियाराम, एईएन, पुराना घाट फीडर
– कुछ दिन से समस्या आ रही थी। अब 31 मार्च तक सभी समस्याएं दूर कर दी जाएंगी। अभी किसी को दिक्कत है तो सीधे मुझसे भी आकर मिल सकते हैं।
-दीपक शर्मा, एक्सईएन
-तकनीकी समस्या थी इसलिए बिल नहीं बन पाए। वैसे अन्तिम तारीख को सभी जगह इसी तरह बिल बनाए जाते हैं।
सियाराम, एईएन, पुराना घाट फीडर
– कुछ दिन से समस्या आ रही थी। अब 31 मार्च तक सभी समस्याएं दूर कर दी जाएंगी। अभी किसी को दिक्कत है तो सीधे मुझसे भी आकर मिल सकते हैं।
-दीपक शर्मा, एक्सईएन