राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राजेश पारीक ने बताया कि इस साल चुनाव होने के कारण पूरा विश्वास था कि सरकार अपने बजट में कर्मचारियों के लिए कुछ ना कुछ जरूर करेगी। विधानसभा चुनाव 2013 की सुराज संकल्प यात्रा में जो वादा किया गया था उसे पूरा किया जाएगा। वित्त विभाग के आदेश 9 फरवरी 2017 में एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2017 तक वेतन एरियर के बकाया को वर्ष 2018 में अप्रेल, जुलाई व अक्टूबर में तीन किश्तों में दिए जाने की बात को ही बजट में शामिल करके निराश किया। नेताओं ने कहा कि ऐसा करके सरकार उन्हें आंदोलन के लिए अकसाने का काम कर रही है।
उनका कहना कि राज्य के कर्मचारियों को समयबद्ध पदोन्नति एवं एक जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान के वेतन एरियर का नकद लाभ मिलने की पूरी उम्मीद थी। इसके अलावा, अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारियों सहित पटवारी, पुलिस कांसटेबल, ग्राम सेवक आदि सभी को उम्मीद थी कि चुनावी साल में उनके वेतन पर गिराई गई गाज को सरकार वापस लेते हुए एक जनवरी 2013 से दोबारा प्रारंभिक वेतन 9840 संशोधित करेगी।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अनुकंपात्मक नियुक्ति में दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण करने के अभाव में अनिश्चित कालीन परिवीक्षाकाल को समाप्त करने और मंत्रालयिक कर्मचारियों के रिक्त पड़े 20 हजार पदों पर नई भर्ती की घोषणा की भी उम्मीद पूरी नहीं हुई। जिसके कारण नाराज कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हैं।
होमगार्ड का आज कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन- राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार ने अपने बजट में होमगार्ड के लिए कुछ भी नहीं किया। सरकार ने तीस हजार होमगार्ड के साथ धोखा किया है। प्रदेश के होमगार्ड में इसे लेकर गहरा रोष व्याप्त है। जिसे लेकर बुधवार को 12 बजे सभी होमगार्ड कलेक्ट्रेट पर एकत्र होंगे और सरकार का पुतला फूकेंगे। गौरतलब है कि राज्य सरकार के इस बजट को लेकर प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी दिशाहीन करार देते हुए कहा है कि सरकार ने किसानों और युवाओं को बजट में छलने का काम किया है।