निजी फायदे के लिए नहीं किए जाएं कर्मचारियों के तबादले
राज्य में जारी कोरोना संकट ( Corona crisis ) के बीच राज्य सरकार ( state government ) की ओर से कार्मिकों के स्थानांतरण पर लगा बैन ( ban on the transfer ) हटाने से कर्मचारी संगठनों ( employees organizations ) में अलग अलग मत सामने आ रहे हैं।

जयपुर
राज्य में जारी कोरोना संकट ( Corona crisis ) के बीच राज्य सरकार ( state government ) की ओर से कार्मिकों के स्थानांतरण पर लगा बैन ( ban on the transfer ) हटाने से कर्मचारी संगठनों ( employees organizations ) में अलग अलग मत सामने आ रहे हैं। कहीं ट्रांसफर पॉलिसी के बिना ही स्थानांतरण पर बैन हटाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं तो वहीं कोरोना काल में ट्रांसफर पर से बैन हटाने पर भी कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। शिक्षकों में ही एक वर्ग के शिक्षकों के तबादले नहीं खोलने से नाराजगी बनी हुई है। अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया का यह कहना है कि राज्य में कोरोना संकट के बीच में पहले ही कर्मचारी कोरोना से लड़ते हुए काम कर रहे हैं।
सरकार कर्मचारियों की वेतन कटौती कर रही है। वहीं, अब तबादलों पर से बैन हटाया गया है। कोरोना संकट में तबादलों करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए महासंघ ने कहा है कि सरकार चुनाव को देखते हुए निजी फायदे के लिए कर्मचारियों के तबादले नहीं करे। अगर तबादले करने ही हैं तो कर्मचारी हित में तबादले किए जाएं। कर्मचारी से इच्छित स्थान के लिए आवेदन मांगा जाए और रिक्त पद पर ही तबादले किए जाएं , न कि एक कर्मचारी को लाने के लिए दूसरे को डिस्टर्ब कर दिया जाए। महासंघ ने चुनावी आचार संहिता के बीच तबादलों पर से बैन हटाने पर भी सवाल उठाया है। वहीं, शिक्षक संगठन तबादलों में टीएसपी एरिया में लगे शिक्षक, प्रबोधक और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों नहीं खोलने से नाराज हैं। कई शिक्षक संघों ने इस पर विरोध जताते हुए इन शिक्षकों के तबादले भी करने की मांग की है।
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