अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि विद्याधर नगर थाना पुलिस ने 10 जुलाई 2016 को एक मकान में दबिश दी। जहां पुलिस को छह बच्चे चूड़ी बनाते हुए मिले। पुलिस को पूछताछ में बच्चों ने बताया कि अभियुक्त उन्हें झारखंड से लेकर आया है और यहां उनकी इच्छा के खिलाफ जबरन काम करवाया जा रहा है।
उन्हें भरपेट खाने नहीं दिया जा रहा है और पर्याप्त आराम भी नहीं करने देते हैं। बच्चों को कभी भी बाहर भी नहीं जाने की इजाजत नहीं थी। इस पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।