scriptदिव्यांगों का हौसला, पुलिस में भर्ती होने के लिए लड़ रहे कानूनी लड़ाई | Encouragement of Divyang, legal battle to get admitted in police | Patrika News

दिव्यांगों का हौसला, पुलिस में भर्ती होने के लिए लड़ रहे कानूनी लड़ाई

locationजयपुरPublished: Jan 22, 2020 12:44:00 am

पुलिस बोली, शारीरिक मापतौल व दक्षता परीक्षा पास करने पर ही हो सकते हैं भर्तीअब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

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FILE PIC

जयपुर. दिव्यांग भी पुलिस सेवा में आना चाहते हैं, लेकिन पुलिस विभाग ने शारीरिक मापतौल और दक्षता परीक्षा पास करने पर ही सेवा में लेने का कानून बताकर उन्हें इनकार कर दिया। अब इसके लिए दिव्यांग अधिकार महासंघ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है और पुलिस भर्ती में अन्य सरकारी भर्तियों की तर्ज पर 4 प्रतिशत दिव्यांगों को नौकरी देने की मांग की है।
महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत भाई पटेल ने पुलिस के स्वागत कक्ष और कम्प्यूटर ऑपरेटर पद पर दिव्यांग कोटा से भर्ती करने की मांग की है। उनकी अर्जी पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं आयुक्त विशेष योग्यजन के प्रमुख सचिव ने पुलिस मुख्यालय में आइजी भर्ती जानकारी मांगी है।
उपायुक्त विशेष योग्यजन को यह दिया जवाब

पुलिस मुख्यालय ने उपायुक्त विशेष योग्यजन के पत्र के जवाब में बताया कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के तहत शारीरिक दक्षता के मापदंड निर्धारित किए गए हैं। इसके अंतर्गत अभ्यार्थियों के चयन के लिए यह परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने पर अभ्यर्थी को अयोग्य घोषित किया जाता है। आरक्षण दिए जाने के संबंध में भी कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस सेवा में रहते हुए दुर्घटना या बीमारी से कांस्टेबल को 40 प्रतिशत से अधिक नि:शक्त होने पर अन्य विभाग में राजस्थान नि:शक्त व्यक्तियों के नियोजन नियम 2000 एवं विभागीय स्थाई आदेश 03/2016 के प्रावधानों के तहत कैडर परिवर्तिन किया जाता है।
अब प्रमुख सचिव ने यह मांगी रिपोर्ट
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं आयुक्त विशेष योग्यजन के प्रमुख सचिव ने पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय को पत्र से अवगत करवाया कि वर्तमान में नियमानुसार सीधी भर्ती के लिए निर्धारित रिक्तियों में दिव्यांगजनों के लिए 4 प्रतिशत पद आरक्षित होते हैं। नियम के अनुसार ही किसी पद विशेष को प्रशासनिक विभाग द्वारा नि:शक्त के लिए उपयुक्त नहीं माना जाए तो वे कारण सहित उस पद के लिए विशेष छूट ले सकेंगे। यदि किसी पद के लिए ऐसी छूट नहीं ली जाती है, तो दिव्यांगजनों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण देना अनिवार्य होगा। दिव्यांगजन आरक्षण से छूट उनके कार्य विवरण को देखते हुए आवश्यक हो तो ऐसे प्रस्ताव निदेशालय विशेष योग्यजन को भिजवाएं। जिससे नियम 6 (2) के अंतर्गत गठित समिति की मीटिंग आयोजित कर उचित निर्णय लिया जा सके।
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