प्रशासन बना रहा सुरक्षित प्लान – वहीं, जिला प्रशासन बस्ती के मकानों और दुकानों को हटाने के लिए प्लान बना रहा है। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान पुलिस जाप्ता तैनात रहेगा। पुलिस के जवान तीन दिन से रोजाना यहां फ्लैग मार्च कर रहे हैं। प्रशासन की कोशिश है कि बस्ती के सारे लोग यहां से चले जाएं और उनका पुनर्वास हो जाए। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि पुनर्वास होने पर विरोध की आशंका कम हो जाएगी और कार्रवाई करने में आसानी होगी। विरोध की आशंका को देखते हुए घुड़सवार पुलिस भी तैनात की जा रही है। कार्रवाई के दौरान करीबन 2 हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। कार्रवाई की निगरानी ड्रोन से की जाएगी, जिससे स्थिति को समझने में मदद मिलेगी। कब्रिस्तान बस्ती से होकर गुजरने वाली रोड पर यातायात को डायवर्ट कर दिया गया है। इससे शास्त्री नगर के कई ईलाकों में यातायात प्रभावित हो रहा है।
पुनर्वास के लिए लगाया शिविर – जानकारी के अनुसार कब्रिस्तान की जमीन पर 363 अतिक्रमण हैं, जिन्हें हटाना है। इनमें से डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों ने बस्ती में बने मकान खाली करने और पुनर्वास के लिए सहमति दे दी है। बस्ती के लोगों से सहमति पत्र भरवाने के लिए शास्त्री नगर थाने में जेडीए की ओर से शिविर लगाया जा रहा है। प्रशासन लोगों से सहमति पत्र भरवाकर उनका पुनर्वास करने के लिए समझाईश कर रहा है। जेडीए सहमति पत्र भरने वाले परिवारों को सीकर रोड स्थित बीएसयूपी के तहत आनंदलोक प्रथम योजना में आवास आवंटित करेगा। जेडीए सहमति पत्र भरने वाले 29* परिवारों को लॉटरी निकालकर आवास आवंटित कर चुका है।
अभी तक कब्रिस्तान बस्ती की दुकानों—मकानों को हटाने के लिए प्रशासन से कोई दिशा निर्देश नहीं मिले है। जब भी निर्देश मिलेंगे, पुलिस जाप्ता मौके पर भेज दिया जाएगा। -महावीर प्रसाद, थानाधिकारी, शास्त्रीनगर