आंधी—तूफान से तीनों डिस्काॅम क्षेत्र में 33केवी, 11केवी व एलटी के लगभग 88 हजार पोल, 69 पावर ट्रांसफार्मर और 5 हजार 853 वितरण ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। इससे प्रदेश के 13 हजार 132 गांवों में बिजली गुल हो गई। विभाग पिछले सात दिन में 33केवी, 11केवी व एलटी के 42 हजार 629 पोल ही ठीक कर पाया। जबकि 51 पावर ट्रांसफार्मर व 2736 वितरण ट्रांसफार्मरों को ठीक कर 11 हजार 863 गांवों की विद्युत आपूर्ती बहाल कर पाए है।
पिछले दिनों राजस्थान के कई जिलों में आए तेज आंधी—तूफान व बारिश से विद्युत तंत्र को भारी नुकसान हुआ, इससे इंजीनियर्स के हाथ—पांव फूला दिए। गांवों में बिजली गुल हो गई। राजधानी में ही कई हिस्सों में दो दिन में बिजली आपूर्ति बहाल हो पाई। जबकि प्रदेश के कई गांवों व कस्बों में अभी भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है।तूफान से पोल, पावर ट्रांसफासर्मर, वितरण ट्रांसफार्मर व लाईनें क्षतिग्रस्त हुईं, उन्हें ठीक करने में तीनों डिस्काॅम के अफसर जुटे हुए है।
प्रसारण तंत्र को भी नुकसान
आंधी—तूफान से प्रसारण तंत्र को भी नुकसान हुआ है। इसमें 400 केवी भड़ला-बीकानेर लाइन पर 4 टावर, जैसलमेर-बाड़मेर लाइन पर 2 टावर, भड़ला-मेड़ता लाइन पर तीन टावर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिन्हें अभी तक ठीक नहीं किया जा सका है। हालांकि अफसर दिन—रात काम करने में जुटे हुए है।
अब मंत्री ने ली अफसरों की बैठक
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बुधवार को विद्युत भवन में अफसरों के साथ उच्चस्तरीय बैठक ली। इसमें विभाग के आला अफसरों के साथ तीनों डिस्काॅम्स के इंजीनियर्स शामिल हुए। मंत्री ने बताया कि डिस्काॅम के अभियन्ता व कर्मचारी दिन-रात काम कर विद्युत तंत्र को ठीक कर प्रभावित बिजली आपूर्ती को बहाल करने के लिए जुटे हुए है। अधिकांश स्थानों पर वितरण तंत्र को ठीक करके विद्युत आपूर्ती बहाल भी कर दी गई है। मंत्री ने क्षतिग्रस्त विद्युत तंत्र को जल्द ठीक करके दो-तीन दिन में बाधित विद्युत आपूर्ती को बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने अफसरों को कहा कि जिन जिलों में अधिक नुकसान हुआ है, वहां अन्य जिलों से टीम व आवश्यक सामान भेजकर विद्युत आपूर्ती को बहाल किया जाए।