खुद ने ही इन मुद्दों से जुड़े कई पहलुओं को मीडिया के सामने रखा। लेकिन जब उनसे महंगी बिजली खरीद के अनुबंध की समीक्षा करने और पंजाब की तर्ज पर निरस्त करने, लगातार फ्यूल सरचार्ज से जनता को महंगी बिजली मिलने से जुड़ा सवाल किया गया तो उसे टाल गए। कहा, अभी विभाग में नया हूं, पता करके आगे बढ़ूंगा। इससे मौके पर मौजूद अफसर, कर्मचारियों और समर्थकों में चर्चा का दौर शुरू हो गया कि मंत्री को बिजली महकमे से जुड़े कई पहलुओं पर अंदरुनी जानकारी है, फिर महंगी बिजली से जुड़े मामले को क्यों टाल गए।
किसान को दिन में बिजली देंगे, घाटे के जिम्मेदारों को लगाएंगे पता -भाटी ने कहा कि मैं भी किसान हूं, इसलिए किसानों को सस्ती और दिन में ही बिजली देने के लिए प्रयास करेंगे। इन्हें कनेक्शन देने में किसी भी संसाधन की कमी नहीं आने दी जाएगी।
-बिजली महकमा सीधे जनता से जुड़ा हुआ है, इसलिए आगामी 2 साल पूरी तरह जनता की सुविधा के आधार पर काम होगा। -बिजली कंपनियों का बढ़ रहे घाटे के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि घाटा कम करने का मैकेनिज्म तैयार करेंगे। घाटे के लिए कौन, किस तरह जिम्मेदार है, इसका भी पता करेंगे। बिजली कंपनियों का घाटा 90 हज़ार करोड़ से अधिक है।
-बिजली का उपभोग करने के बाद भी सरकारी एजेंसियों द्वारा बिल नहीं चुकाया। अभी राज्य में करीब 2132.39 करोड़ रुपए बिजली शुल्क बकाया है। राजस्व वसूली में कोताही नहीं बरती जाएगी।