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सरकार और प्रशासन एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाए, अन्यथा आंदोलन

locationजयपुरPublished: May 05, 2021 05:47:07 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

फीस एक्ट 2016 को लेकर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं स्कूल संचालक: संयुक्त अभिभावक संघ



जयपुर, 5 मई।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी स्कूल फीस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि निजी स्कूल संचालक और अधिकारी गलत बयानबाजी कर प्रदेश के अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं। संघ ने कहा कि अधिकारी लगातार कोर्ट की अवमानना करते आ रहे हैं, पूर्व में राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ का आदेश हो या डिवीजन बैंच के आदेश हो, दोनों जगहों पर अधिकारियों ने कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है और कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाकर निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाया है।
संघ महामंत्री संजय गोयल ने बताया कि पहले भी निजी स्कूलों ने राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की धज्जियां उठाते हुए प्रदेश के अभिभावकों को प्रताडि़त किया,शिकायत करने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कार्यवाही नहीं करते हुए कोर्ट के आदेशों की खुलकर अवमानना की है। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल आदेश दे दिया है तो शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए, कोर्ट के आदेश के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं। संघ के प्रदेश एग्जिक्यूटिव मेंबर युवराज हसीजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग के निर्देशक सौरभ स्वामी अलग.अलग बयान बाजी कर रहे हैं। एक मीडिया नेटवर्क को वह फीस एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाने की बात कर रह हैं तो दूसरी ओर कह रहे हैं कि सत्र 2019 की फीस 2016 फीस एक्ट के अनुसार ही ली जा रही है,जबकि एक्ट के अनुसार सभी स्कूलों में पीटीए का गठन होगा, उसके बाद एसएलएफसी बनेगी वह स्कूलों की फीस निर्धारित करेगी। जबकि जबसे फीस एक्ट लागू हुआ है तब से अब तक किसी भी स्कूल में ना पीटीए का गठन हुआ ना एसएलएफसी का गठन हुआ है। जब तक स्कूल संचालक सत्र 2019 की फीस के साक्ष्य अभिभावकों को नही दिखाएंगे अभिभावक फीस जमा नही करवाएंगे।
एक्ट की पालना नहीं हुई तो होगा आंदोलन
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना सभी निजी स्कूलों में सुनिश्चित करवाएं। अगर एक्ट की पालना नही करवाई गई तो स्कूल दर स्कूल राज्यस्तरीय आंदोलन संयुक्त अभिभावक संघ आयोजित करेगा तब तक फीस भी जमा नहीं करवाई जाएगी जिसका अधिकार सुप्रीम कोर्ट भी देता है।

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