महिला सुरक्षा के साथ पर्यावरण के प्रति जागरुता
जयपुर. महिला सुरक्षा की कमान संभालने (Environmental awareness with women safety) वाली निर्भया स्कावाड टीम ने पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने का अभियान भी शुरू किया है।

जयपुर. महिला सुरक्षा की कमान संभालने (Environmental awareness with women safety) वाली निर्भया स्कावाड टीम ने पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने का अभियान भी शुरू किया है। इसके शुरुआत बीज वाले मिट्टी की गणेश प्रतिमा बांटकर की गई है। यह अभियान एक सप्ताह तक चलेगा। प्लास्टिक की गणेश प्रतिमा स्थापित करने से पर्यावरण को नुकसान रहता है। इस कारण निर्भया स्कावाड टीम ने बीज वाले मिट्टी के गणेश प्रतिमा स्थापित कराने के लिए जागरुकता अभियान शुरू किया है। निर्भया स्क्वायड महिला पुलिस एडिशनल डीसीपी सुनीता मीना ने आग्रह किया है कि मिट्टी के गणेश प्रतिमा बनाए और अपने आंगन में ही विसर्जित करें। उन्होंने बताया कि पीओपी के गणेश की बजाय इको-फ्रेंडली मिट्टी के बने गणेश प्रतिमा खरीदें, हो सके तो पौधे का बीज वाली मिट्टी की गणेश प्रतिमा की स्थापना करे। बाद मे जब प्रतिमा को गमले में डालकर विसर्जित किया जाए तो इसमें मौजूद बीज मिट्टी के साथ मिल जाते हैं। इस कारण थोड़े दिनों बाद पौधा उगने लगता है। इधर गणेश चतुर्थी के दिन निर्भया स्कावाड टीम ने अनेक स्थानों पर मिट्टी से बनी प्रतिमाओं का वितरण किया।
नदियों का पानी भी साफ रहेगा
उल्लेखनीय है कि गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन साफ-सुथरी नदी के पानी में जोर-शोर से किया जाता है। प्लास्टिक से बनी गणेश प्रतिमा सालों तक पानी में पड़ी रहती है, जिससे धीरे-धीरे पानी दूषित होने लगता है। इसके अलावा अन्य सामान भी नदी में डाला जाता है। लोगों के साथ हादसे की आशंका भी बनी रहती है। लेेकिन मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने से उनका विसर्जन विधी -विधान से घर में ही किया जा सकता है। इस कारण नदी में प्रतिमाओं को नदी में विसर्जन करनेकी जरूरत नहीं रहेगा।
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