जयपुर

जोड़ों का दर्द दूर करेगा नीलगिरी का तेल

गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की एक-दो बूंद डालकर भाप लगाने से एलर्जी से राहत पाई जा सकती है

जयपुरApr 27, 2019 / 05:41 pm

Archana Kumawat

कोल्ड और फ्लू में लाभकारी
इस असेंशियल ऑयल का इस्तेमाल से कोल्ड, कफ, नाक बहना, गले में दर्द एवं सूजन, सांस लेने में परेशानी होना, ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। हेल्थ रिसर्च के अनुसार यह साइनस की समस्या को भी दूर करता है। गर्म पानी में इस तेल की एक-दो बूंद डालकर भाप लेने से कोल्ड से राहत मिलेगी। सोते समय तेल की थोड़ी सी मात्रा तकिए पर लगाने से भी आराम मिलेगा।

बालों को मिलेगी मजबूती
स्वस्थ और मजबूत बालों के लिए भी इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। एशिया पेसिफिक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इस तेल में एंटी सेप्टिक एवं एंटी फंगल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो डेंड्रफ एवं सिर में खुजली होना जैसी समस्याओं से राहत देती हैं। इस तेल की कुछ बूंदों को नारियल तेल या जैतून के तेल में मिलाकर लगाने से बालों की जडं़े मजबूत होंगी। यह सिर में ब्लड फ्लो बढ़ाने का भी काम करता है।

मानसिक लाभ
तनाव दूर करने के लिए भी इस तेल का उपयोग किया जा सकता है। यह मानसिक समस्याओं को दूर करने के साथ ही मस्तिष्क में ब्लड फ्लो भी बढ़ाता है, जिससे दिमाग को ऑक्सीजन की पूर्ति होती है और मस्तिष्क के सुस्त भाग भी सक्रिय होते हैं। इस तरह मानसिक लाभ मिलता है।

मसूड़ों की देखभाल
कैविटिज, प्लाक, जिंजिवाइटिस और सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए भी नीलगिरी के तेल का प्रयोग किया जा सकता है। इसलिए उसी तरह के टूथपेस्ट, माउथवॉश एवं अन्य डेंटल केयल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें, जिसमें नीलगिरी का तेल इंग्रीडियंट हो। नीलगिरी का तेल मसूड़ों में दर्द की समस्या भी दूर करेगा।

मांसपेशियों का दर्द
नीलगिरी का तेल एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रकृति का होता है। एक अध्ययन के अनुसार मांसपेशियों की अकडऩ और दर्द दूर करने के लिए नीलिगिरी का तेल बहुत लाभकारी होता है। इसलिए यदि मांसपेशियों में दर्द है तो प्रभावित हिस्से में इस तेल की गोलाई से मसाज करने पर आराम मिलेगा।

जोड़ों में दर्द की समस्या
रुमेटिज्म, लम्बेगो, लिगामेंट एवं टेंडंस, सख्त मांसपेशियां, दर्द, फाइब्रोसिस और यहां तक कि नर्व पेन में भी नीलिगिरी के तेल से राहत पाई जा सकती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के साथ ही दर्द से राहत देता है। रिसर्च स्टडी के अनुसार घुटनों का प्रत्यारोपण करने वाले मरीजों में सूजन, दर्द और इंफ्लेमेशन को दूर करने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मांसपेशियों को मूवमेंट बढ़ाने का काम भी करता है। इस तरह जोड़ों की समस्या वाले लोगों के लिए यह तेल बहुत कारगर है।

जल्द घाव भरेगा
त्वचा पर घाव, कट, बर्न एवं अल्सर जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए इस तेल का उपयोग किया जा सकता है। इतना ही नहीं, कीट के काटने पर इस तेल का इस्तेमाल प्रभावी होता है। दरअसल, इस तेल में एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो संक्रमण को बढऩे से रोकता है। रिसर्च के अनुसार नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल घाव को जल्द भरने में करना असरदार होता है।

एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज
नीलगिरी के तेल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक क्वालिटीज होती हैं, जो कई तरह की सांस संबंधी समस्याओं को प्रभावी तरीके से दूर करता है। एक एनीमल स्टडी के अनुसार नीलगिरी के तेल के उपयोग से क्रॉनिक ऑब्स्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से राहत पाई जा सकती है। इतना ही नहीं, इसकी एंटी फंगल क्वालिटीज रिंगवार्म, एथलेटिक फुट जैसी समस्याओं को भी दूर कर सकती हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधकता को भी बढ़ाता है।

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