नरेशपाल गंगवार, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा ने कहा की यह गाइडलाइन अभी प्रारूप ही है। हमने समिति के सदस्यों को दिया है, बैठक में इस पर निर्णय होगा। फिर सरकार से अनुमोदन के बाद ही यह अस्तित्व में आएगी।
गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु – तकनीक आधारित समस्या समाधान तंत्र की सुविधा हो और जिसमें सॉफ्टवेयर के जरिए शिकायत दर्ज कराई जा सके। शिकायतों को 48 घंटे में कलक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखना अनिवार्य हो।
– नियमित टैस्ट का परिणाम सार्वजनिक नहीं किया जाए। यह विज्ञापन कराया जाए कि कोचिंग संस्था इंजीनियरिंग, मेडिकल में प्रवेश की गारंटी नहीं देती और एक्जिट और रीफण्ड पॉलिसी सार्वजनिक की जाए। – कोचिंग या आवास के निकट कॉमन फेसिलिटेशन सेंटर हों। इनमें खेल, मनोरंजन और सांस्कृतिक गतिविधियों की सुविधा हो। कोचिंग संस्थानों की सहायता से नगर निगम इन्हें बनवाए और वैलनेस सेंटर के जरिए मनोविशेषज्ञों की सुविधा दी जाए।
– पुलिसकर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जाए। थानों में विद्यार्थियों के लिए विशेष हैल्प डेस्क बनें। – कलक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति इन दिशा-निर्देशों की नियामक संस्था हो।