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सबको ‘दर्द’ का पता है, मगर ‘दवा’ कोई दे नहीं रहा

locationजयपुरPublished: Dec 15, 2019 11:42:04 pm

Submitted by:

manoj sharma

हकीकत… गोविंद मार्ग पर ऐलिवेटेड की जरूरतसपना दिखाया … स्मार्ट सिटी में बनेगा, मगर बन नहीं सकता

सबको 'दर्द' का पता है, मगर 'दवा'  कोई दे नहीं रहा

govind marg : dinesh dabi

अश्विनी भदौरिया… नारायण सिंह सर्किल से गोविंद मार्ग तक बढ़ते यातायात दबाव से निजात पाने के लिए ऐलिवेटेड रोड की सख्त जरूरत है। इसी समस्या को देखते हुए 2011 से कवायद भी शुरू हुई, मगर इसे आज तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। कभी व्यापारियों का विरोध आड़े आया तो कभी सरकारों ने रुचि नहीं दिखाई। एक बार फिर इसी प्रोजेक्ट को गति देने के लिए 13 नवम्बर को स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने निर्णय लिया, मगर अभी भी मुश्किलें कम नहीं हुईं हैं। अधिकारियों ने यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के जिम्मे डालने की कोशिश की, मगर नियमों के तहत स्मार्ट सिटी इस प्रोजेक्ट के लिए पैसा नहीं दे सकती है। आखिरकार इस ऐलीवेटेड को बनाने के लिए सरकार को एक बार और मशक्कत करनी पड़ेगी।

नौ साल में एक कदम भी नहीं चले

-2011 में एलिवेटेड रोड के लिए बनाया था प्रस्ताव, अब तक शुरू नहीं हो सका काम

जयपुर. वाहनों की गति बढ़ाने और जाम से निजात दिलाने के लिए गोविंद मार्ग पर ऐलिवेटेड की एक मात्र उपाय है। इसको लेकर 2011 में जेडीए ने प्रस्ताव बनाया, मगर आज तक इसका मुहूर्त भी नहीं लग सका। यहां दो साल पहले जेडीए ने सर्वे कराया, जिसमें व्यस्ततम समय में यहां वाहनों की गति महज 17.85 किमी प्रति घंटा ही निकली। बाकी समय में वाहनों की गति 19 किमी प्रति घंटे के आस-पास थी। जेडीए के अधिकारी भी मानते हैं कि यहां पर एलिवेटेड रोड से ही लोगों की राह आसान की जा सकती है।
2011 में कांग्रेस की सरकार ने पहली बार एलीवेटेड रोड बनाने के लिए प्रस्ताव रखा, लेकिन व्यापारियों के विरोध के चलते काम जेडीए ने आगे नहीं बढ़ाया। फिर भाजपा की सरकार आई तो इस प्रोजेक्ट पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। स्थिति यह है कि नौ साल से एलीवेटेड रोड बनाने का प्रोजक्ट अटका हुआ है।
दोनों ओर छह लाख से अधिक की आबादी
गोङ्क्षवद मार्ग के दोनों ओर पांच से छह लाख की आबादी है। बीते दो दशक में यहां तेजी से आबादी बढ़ी है और फ्लैट भी खूब बने हैं। दर्जन भर से अधिक रास्ते गोविंद मार्ग से मिलते हैं। ऐसे में लोगों की आवाजाही भी खूब रहती है। शाम को जाम लगने के साथ आस-पास की कॉलोनियों में भी परेशानी का दौर शुरू हो जाता है।
पीड़ा और विकल्प
व्यापारियों का दर्द: एलीवेटेड रोड बनी तो बाजार खत्म हो जाएगा।

विकल्प: भारी और बड़े वाहनों को एलीवेटेड रोड से गुजरने दें और छोटे वाहनों को नीचे से जाने दिया जाए।
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खास-खास
-13 नवम्बर को स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर बैठक हुई और उसमें यह निर्णय लिया गया कि एलीवेटेड रोड के लिए स्मार्ट सिटी जेडीए को पैसे देगा

-200 करोड़ रुपए ऐलीवेटेड और 50 करोड़ रुपए एसएमएस की भूमिगत पार्किंग में होंगे खर्च
-10 दिन पहले जेडीए ने पत्र लिख विस्तृत कार्ययोजना बनाने के लिए मांगे पैसे, नहीं मिला जवाब
यह है मौजूदा स्थिति

2000 से अधिक बड़े वाहन रोज गुजरते हैं यहां से
600 बस शामिल हैं इनमें, जो दिल्ली-आगरा की ओर जाती हैं

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झूठा सपना दिखाया, आसान नहीं स्मार्ट सिटी से पैसा लेना

जयपुर. नारायण सिंह सर्किल से गोविंद मार्ग तक बनने वाली एलीवेटेड रोड के निर्माण में बजट रोड़ा बन रहा है। जेडीए की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर बजट मुहैया कराने की गेंद स्मार्ट सिटी के पाले में डाल दी। बड़ा सवाल यह भी है कि स्वायत्त शासन विभाग सचिव भवानी सिंह देथा सहित अन्य अधिकारियों ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को को अंधेरे में रखा और उनको यह जानकारी नहीं दी कि स्मार्ट सिटी केवल क्षेत्र आधारित विकास (एबीडी) में ही पैसा खर्च करता है। जबकि यह निर्माण इस क्षेत्र में नहीं आता। खुद मंत्री और विभाग के आलाधिकारियों के शामिल होने की वजह से स्मार्ट सिटी का कोई भी अधिकारी बोलने का तैयार नहीं है। जिस तरह से इस बार वित्तीय राशि को लेकर विवाद हुआ है, उससे भी लग रहा है कि इस बार भी यह प्रोजेक्ट हवा में ही न अटक जाए। उधर, स्मार्ट सिटी के अधिकारी यह स्वीकार भी कर रहे हैं कि एसएमएस अस्पताल की भूमिगत पार्किंग और एलीवेटेड रोड में पैसा खर्च कर नहीं कर सकते।
इधर से उधर भी हुए
सूत्रों की माने तो कुछ महीने पहले स्वायत्त शासन विभाग के तत्कालीन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने नियमों का हवाला दे कर क्षेत्र आधारित विकास से बाहर के कामों को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें यहां से हटाकर भवानी सिंह देथा को जिम्मेदारी दी गई। देथा ने नियमों को अनदेखा कर बोर्ड मीटिंग में फैसले तो ले लिए, लेकिन इन फैसलों को लेकर अभी तक स्मार्ट सिटी आगे नहीं बढ़ पाया है।
वर्जन…

ऐलिवेटेड रोड के लिए जल्द ही विस्तृत कार्ययोजना का टेंडर होगा। यह क्षेत्र आधारित विकास क्षेत्र में नहीं आता है। ऐसे में यदि हमें विशेष अनुमति मिल जाती है तो हम निर्माण कराएंगे, नहीं तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं। सरकार गोविंद मार्ग पर ऐलीवेटेड रोड जरूर बनाएगी।
-शांति धारीवाल, स्वायत्त शासन मंत्री

मंत्री के साथ बैठक में जो निर्णय हुआ था, उसके बाद हमने स्मार्ट सिटी के अधिकारी को पत्र लिख दिया है। अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। पैसा मिलने के बाद ही हम काम शुरू करेंगे।
-टी रविकांत, आयुक्त, जयपुर विकास प्राधिकरण
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ऐलिवेटेड और एसएमएस की भूमिगत पार्किंग के बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता। इस बारे में आप स्वायत्त शासन विभाग के सचिव से बात कर लें। वही इस बारे में बताएंगे।
-लोकबंधु, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्मार्ट सिटी
इस मामले को लेकर स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा से कई बार संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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