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सबकुछ महंगा हो गया तब घटे 2.50 रुपए

locationजयपुरPublished: Sep 10, 2018 01:16:23 am

ढाई महीने में 4.50 रुपए महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल

jaipur

सबकुछ महंगा हो गया तब घटे 2.50 रुपए

जयपुर. राज्य सरकार ने अब राहत भले ही दी है लेकिन पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों की आम आदमी पर सीधी मार पड़ी है। पिछले ढाई महीने में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें 4.50 रुपए बढ़ी हैं। इससे ट्रांसपोर्ट 35 फीसदी मंहगा हुआ, तो बाहरी राज्यों से आने वाले सामान भी मंहगे होते गए। निजी टैक्सियों का किराया 15 प्रतिशत बढ़ गया। सब्जियां 25 प्रतिशत तक मंहगी हो गईं।
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सब्जियों पर असर
बाहरी राज्यों से आने वाली सब्जियों-फलों पर सीधा असर हुआ। शहर के आसपास क्षेत्रों से आ रही सब्जियों के दाम तो पिछले एक महीने में घटे हैं लेकिन दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों के दाम बढ़े हैं। कई सब्जियां तो 5-7 रुपए प्रति किलो तक महंगी हुई हैं।
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निजी टैक्सियों का किराया बढ़ा
डीजल मंहगा होने से निजी ऑपरेटर्स ने टैक्सियों का किराया बढ़ा दिया। पिछले 2 माह में यह किराया 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा है। इसके बाद ऑटो व कैब चालक भी किराया बढ़ाने की मांग करने लगे।
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ये रहे भाव
सब्जी — 15 दिन पहले — रविवार को
टिंडे — 25-30 — 40-45
टमाटर — 13-15 — 17-20
प्याज — 20 — 25
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पेट्रोल-डीजल के दाम खुद बता रहे वृद्धि
तारीख — पेट्रोल — डीजल
12 जून — 79.21 — 72.30
13 जुलाई — 79.55 — 72.91
14 जुलाई — 79.74 — 73.10
27 अगस्त — 80.82 — 74.07
1 सितम्बर — 81.63 — 75.09
8 सितम्बर — 83.39 — 77.29
9 सितम्बर — 83.51 — 77.40
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किसने क्या कहा
1. लालकोठी सब्जी मंडी में सब्जी विक्रेता अब्दुल समद ने कहा, बाहरी राज्यों से आने वाली सब्जियां महंगी हुई हैं। बारिश में टमाटर बेंगलूरु और महाराष्ट्र से आ रहा है। पेट्रोल के दाम बढ़े तो टमाटर प्रति किलो 5 रुपए तक मंहगा हुआ है।
2. लालकोठी सब्जी मंडी में सब्जी विक्रेता कयूम खान ने कहा, जो सब्जियां आसपास से आ रही हैं, उनके दाम कम हुए हैं लेकिन बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम बढ़े हैं। टिंडा, टमाटर, प्याज, भिंडी जैसी कई सब्जियां महंगी हुई हैं।
3. जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव अनिल आनंद ने कहा, पेट्रोल-डीजल के साथ इंजन ऑयल व वाहनों के अन्य सामान भी लगातार मंहगे हो रहे हैं। ट्रांसपोर्ट तो अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सबसे ज्यादा असर इसी पर पड़ा है। ट्रांसपोर्टेशन 35 से 40 प्रतिशत महंगा हो गया। रात के समय दाम बढ़ते हैं तो ट्रांसपोर्टर को ही वहन करना पड़ता है।
4. ऑटो चालक भागवत मंडल ने कहा, डीजल की कीमत तो लगातार बढ़ी मगर किराया नहीं बढ़ रहा था। सवारी को छोडऩे के बाद वापसी में सवारी नहीं मिलती तो जेब में कुछ नहीं बचता। डीजल बढऩे पर किराया भी बढ़े, तब ही गाड़ी चल पाएगी।
5. पेट्रोल पम्प कर्मी कैलाश मीणा ने कहा, मैं 11 साल से पेट्रोल पम्प पर काम कर रहा हूं। इस दौरान पेट्रोल करीब 20 रुपए तक बढ़ चुका है। आम व्यक्ति पर मार पड़ रही है।
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अब मामूली राहत की आस
डीजल की कीमतों में मामूली कमी से खाद्य व कृषि उत्पादों की कीमतों में नरमी आ सकती है क्योंकि इनके परिवहन के लिए वाहनों में डीजल ही इस्तेमाल होता है। देश में यातायात के कुल वाहनों में से 72 प्रतिशत डीजल व 23 प्रतिशत पेट्रोल से चलते हैं। फोर्टी के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का मानना है कि पेट्रोल-डीजल पर वैट घटने से राज्य का मंद पड़ा ट्रांसपोर्ट उद्योग पटरी पर लौट सकेगा। ट्रक ऑपरेटर्स के मार्जिन में मामूली सुधार होने की उम्मीद है। सब्जियों और जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है।
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