उन्होंने कहा कि केन्द्र की नौकरियों में आर्थिक रूप से पिछड़े गरीबों को आरक्षण ( Ews Reservation In Rajasthan ) नहीं मिल पाएगा, क्योंकि केन्द्र सरकार की नौकरियों में जमीन की गारंटी खत्म करने का अधिकार केन्द्र की मोदी सरकार को है। खाचरियावास ने कहा कि केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो पूरे देश में ईडब्ल्यूएस के आरक्षण से जमीन की शर्त हटाए और राजस्थान पैटर्न पूरे देश में लागू करे। केन्द्र सरकार ने यदि जमीन की शर्त हटाकर राजस्थान पैटर्न लागू नहीं किया तो केन्द्र सरकार की युवा विरोधी नीतियों के विरोध में कांग्रेस पार्टी आंदोलन करेगी।
राजस्थान में राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थानों में ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए परिवार की कुल वार्षिक आय अधिकतम 8 लाख रुपए को ही एक मात्र आधार माना जाएगा। एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लिए गए इस निर्णय के अनुसार प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इस निर्णय के अनुसार अन्य सम्पत्ति संबंधी प्रावधानों को सरकार ने समाप्त करने का निर्णय लिया है।
गहलोत ने राज्य सरकार की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पात्रता के लिए 5 एकड़ और इससे अधिक की कृषि भूमि, एक हजार वर्ग फुट और इससे अधिक के आवासीय फ्लैट, अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज एवं उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड तथा अधिसूचित नगरपालिका से भिन्न क्षेत्रों में 200 वर्ग गज या उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड के मापदण्डों को समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं की परेशानी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया। इससे आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को राज्य की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण के उचित अवसर मिल सकेंगे और नियमों की अनावश्यक बाधाओं से उन्हें मुक्ति मिलेगी।