महिलाओं को ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के दौरान दो समस्याएं आ रही हैं। इन्हें पति के साथ पिता की इनकम का सर्टिफिकेट भी देना पड़ रहा है। ऐसे में जिन महिलाओं के पिता सम्पन्न हैं और पति की आय कम है, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं पा रहा है। इसके अलावा सरकार ने अभी तक स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए हैं कि महिलाओं का ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र ससुराल में बनेगा या पीहर में। ऐसे में उपजिला कार्यालयों में महिलाएं चक्कर लगा रही हैं।
ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र को लेकर अभी भी कई विसंगतियां है। सरकार को इनका भी समाधान करना चाहिए। खासतौर से विवाहित महिलाओं के ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहे हैं। दीपेन्द्र शर्मा, प्रदेश संयोजक विप्र फाउंडेशन शैक्षिक प्रकोष्ठ
ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र को सरलीकृत बनाने के लिए आय सर्टिफिकेट को तीन साल के लिए वैध किया है। महिलाओं को लेकर भी जो परेशानियां आ रही हैं, वे ध्यान में हैं। उनका परीक्षण कराया जा रहा है। नियमों के तहत समाधान करेंगे।
डॉ. समित शर्मा, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र में अजीब विसंगति
और राहत दो सरकार: ससुराल और पीहर के फेर में चकरघिन्नी महिलाएं
प्रक्रिया का हो सरलीकरण मेरा ससुराल श्रीगंगानगर में और हनुमानगढ़ पीहर है। दोे बार ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर चुकी, लेकिन नहीं बन रहा है। पति और पिता की आय निर्धारित सीमा से अधिक जा रही है। कंचन कुमारी, श्रीगंगानगर
मेरा ससुराल टोंक और पीहर भीलवाड़ा में है। माता-पिता सरकारी शिक्षक हैं। पति निजी कंपनी में हैं। हमारी सालाना आय पांच लाख से कम है। एक साल से प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहा। -अजय कुमारी
मेरा ससुराल बांदीकुई में और पीहर लालसोट है। ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र के लिए पहले बांदीकुई पूछा तो कहा कि पिता के घर से बनेगा। लालसोट कार्यालय गई तो बांदीकुई जाने के लिए कहा। सपना शर्मा, बांदीकुई
पति के सारे दस्तावेज लेकर उपजिला कलक्टर के कार्यालय में ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र बनवाने गई तो कहा गया कि पिता के नाम से बनेगा। अभी तक प्रमाण-पत्र अटका हुआ है। चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गई हूं।शिल्पा शर्मा, जयपुर