scriptफिलहाल वसुधंरा राजे रहेगीं बंगला नंबर 13 में ही, मौजूदा विधायकों के लिए बनेगी नई नीति | EX CM Vasundhara Raje will stay in Bunglow number 13 | Patrika News
जयपुर

फिलहाल वसुधंरा राजे रहेगीं बंगला नंबर 13 में ही, मौजूदा विधायकों के लिए बनेगी नई नीति

राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपील खारिज होने के बावजूद (Ex CM Vsaundhra Raje) पूर्व सीएम वसुधंरा राजे से फिलहाल सिविल लाईन स्थित (Bunglow number 13) बंगला नंबर 13 (Vaccate) खाली नहीं करवाने की (Intentation) मंशा रखती है।

जयपुरJan 20, 2020 / 07:42 pm

Mukesh Sharma

ex_cm_.jpeg

जयपुर

राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपील खारिज होने के बावजूद (Ex CM Vsaundhra Raje) पूर्व सीएम वसुधंरा राजे से फिलहाल सिविल लाईन स्थित (Bunglow number 13) बंगला नंबर 13 (Vaccate) खाली नहीं करवाने की (Intentation) मंशा रखती है। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार (Present MLA) मौजूदा विधायकों के लिए बंगले आवंटन के लिए जल्द ही (New Policy) नई नीति बनाने जा रही है। सोमवार को (Advocate General) महाधिवक्ता महेन्द्र सिंह सिंघवी ने हाईकोर्ट में जस्टिस सबीना और जस्टिस एन.एस.ढड़्ढ़ा की बैंच को मौखिक तौर दी जानकारी दी है।

हाईकोर्ट वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डंडिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा है। सोमवार को सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि राजे ने 17 जनवरी को ही स्टॉफ और 19 जनवरी को वाहन आदि की सुविधाएं सरकार को वापिस कर दी हैं। पूर्व सीएम जग्गनाथ पहाडि़या को सरकार ने बंगला खाली करने के लिए 15 दिन का नोटिस भी दे दिया है हालांकि पहाडि़या इस समय बीमार हैं और दिल्ली में इलाज करवा रहे हैं और सरकार मौजूदा विधायकों के लिए बंगले आवंटन की नई नीति जल्द ही बनाने जा रही है। उन्होंने अवमानना याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा तो कोर्ट ने अगली सुनवाई 17 फरवरी को तय की है।

गौरतलब है कि 4 सितंबर,2019 को हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डांडिया और विजय भंडारी की याचिकाओं को मंजूर कर लिया था। कोर्ट ने राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम-2017 के तहत पांच साल तक लगातार मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं को जीवन भर मुफ्त में सरकारी बंगला,स्टॉफ व वाहन की सुविधाएं देने वाले प्रावधान को असंवैधानिक और गैर-कानूनी बताकर रद्द कर दिया था। इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखते हुए सरकार की अपील खारिज कर दी थी। आदेश की पालना नहीं होने पर डांडिया ने अवमानना याचिका दायर की है और हाईकोर्ट इसी पर सुनवाई कर रहा है।

भाजपा सरकार ने ही बनाया था कानून-

राजस्थान में भाजपा की तत्कालीन सरकार ने राजस्थान मंत्री वेतन अधिनियम-1956 में संशोधन कर राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन नियम-2017 के तहत बंगला टेलीफोन समेत कई सुविधाएं पूर्व मुख्यमंत्रियों को देने का विधेयक विधानसभा में पारित किया गया था। इसके मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री को एक सरकारी बंगला, राज्य और राज्य के बाहर कार मय ड्राइवर , राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को बतौर निजी सचिव सहित नौ कर्मचारियों का स्टाफ और वाहन व स्टॉफ की सुविधा नहीं मिले तो इन पर होने वाला पूरा खर्च का भुगतान करना शामिल था।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो