लोकसभा विधानसभा चुनाव हारे नेताओं को भी अब राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट होने की उम्मीद जगी है। इसे लेकर कांग्रेस गलियारों में भी चर्चाएं खूब हैं। बताया जा रहा है कि विधानसभा-लोकसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों को भी अब राजनीतिक नियुक्तियों की आस जगी है। विधानसभा चुनाव हारे सीताराम को रीको निदेशक बनाए जाने से इन शंकाओं को और बल मिला है।
बनाया था राजनीतिक नियुक्ति से बाहर रखने का फार्मूला
दरअसल विधानसभा और लोकसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों को पहले राजनीतिक नियुक्तियों से बाहर रखने का फार्मूला तैयार किया गया था । इसके बाद से विधानसभा लोकसभा चुनाव हारे नेता खुद को इस दौड़ से बाहर मानकर बैठे हुए थे लेकिन सीताराम अग्रवाल की नियुक्ति के बाद से इन नेताओं में हलचल तेज हो गई है और अब इसके लिए इन नेताओं ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है।
25 लोकसभा प्रत्याशी हारे थे चुनाव
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी 25 प्रत्याशी चुनाव हार गए थे जिनमें कई बड़े चेहरे भी शामिल हैं। लोकसभा प्रत्याशियों में भंवर जितेंद्र सिंह, नमो नारायण मीणा, रघुवीर मीणा, रतन देवासी, बद्री जाखड़, सुभाष महरिया, गोपाल सिंह इडवा, भरत मेघवाल, ताराचंद भगोरा और ज्योति खंडेलवाल जैसे नाम भी प्रमुख हैं।
इसके अलावा विधानसभा चुनाव हारे कई प्रमुख नेता भी हैं जो राजनीतिक नियुक्तियों की आस लगाए बैठे हैं इनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा जैसे नेता भी शामिल हैं।