जयपुर

विशेषज्ञों ने बताया आखिर क्या रहा राजस्थान विवि के टॉप-200 से बाहर होने के पीछे बड़ा कारण

एनआइआरएफ रैंकिंग

जयपुरApr 10, 2019 / 10:36 am

Mridula Sharma

जया गुप्ता /जयपुर. 28 हजार से अधिक विद्यार्थियों और चार बड़े संघटक कॉलेज रखने वाला राजस्थान विवि मानव विकास संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में टॉप-200 शैक्षिक संस्थानों की सूची से बाहर हो गया। विशेषज्ञों से बातचीत में सामने आया है कि इसका बड़ा कारण प्रोफेसर्स की कमी भी रही है। इतने बड़े विवि. में 15 प्रोफेसर नहीं हैं। हालांकि विवि ने पिछले वर्ष कई असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर्स की भर्ती तो की, लेकिन, प्रोफेसर्स की न तो भर्ती की गई और न सीएएस (कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम) के तहत प्रमोशन किए गए।
दूसरा बड़ा कारण
दूसरा बड़ा कारण है, छात्रों का प्लेसमेंट न होना। यहां 28 हजार छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन स्नातक व स्नातकोत्तर करने वालों को नौकरी नहीं मिल पा रही है। विवि दो वर्ष पहले तक इसी रैंकिंग में 79वें नंबर पर था।
विवि में सेल्फ फाइनेसिंग स्कीम के तहत संचालित कई पाठ्यक्रमों में छात्रों से हर साल लाखों रुपए फीस ली जा रही है। रोजगार देने में फिसड्डी साबित हो रहा है। यहां 2015-16 में लगे रोजगार मेले के बाद अभी तक विवि में छात्रों को प्लेसमेंट देने के लिए कोई कार्य नहीं किए गए। विवि की प्लेसमेंट सेल में अधिकारी भी हैं।
रिसर्च व पेटेंट में भी कमजोर
सरकार ने परिसर में रोजगार कार्यालय खोल रखा है। वहां भी जिला रोजगार अधिकारी नियुक्त हैं। फिर भी विद्यार्थियों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। विवि रिसर्च व पेटेंट में भी कमजोर साबित हो रहा है। साइंस, सोशल साइंस आदि के क्षेत्र में नई खोज वाले शोध नहीं के बराबर हैं। नई खोज में पेटेंट के मामले में भी विवि और भी पीछे है।
यह है पिछले साल का रिपोर्ट कार्ड
(सत्र 2016-17)
प्रोग्राम विद्यार्थी
यूजी (तीन वर्षीय प्रोग्राम) 18726
पीजी (एक वर्षीय) 719
पीजी (दो वर्षीय) 5715
पीजी (तीन वर्षीय) 158
पीजी इन्टीग्रेटेड 794

प्लेसमेंट
साल विद्यार्थी कोर्स
2016-17 45 यूजी
2016-17 0 पीजी (एक वर्षीय)
2016-17 90 पीजी (दो वर्षीय)
2016-17 61 पीजी (तीन वर्षीय)
रिसर्च पेटेंट से विवि को कमाई नहीं हुई।
कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट 0
(एनआइआरएफ की ओर से जारी पिछली वर्ष का विवि का रिपोर्ट कार्ड इस वर्ष सूची से बाहर रहने के कारण रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं)
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