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कफ्र्यू में कारनामा, खड़े किए बजरी के पहाड़

locationजयपुरPublished: Apr 06, 2020 12:52:59 am

Submitted by:

jagdish paraliya

अंधेरे में खनन: नदी पेटे और गांवों में लगाए ढेर

Exploitation in curfew, standing gravel mountains

Mining in the dark: river heats and villages piled up

भीलवाड़ा . कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शहर में कफ्र्यू और जिले में लॉकडाउन भले ही लागू हो मगर बजरी माफिया की कारगुजारी थमी नहीं है। पुलिस-प्रशासन की ‘व्यस्तताÓ का फायदा उठाकर बजरी माफिया नदियां खोद रहे हैं। बनास नदी में बजरी के ढेर लगा दिए हैं। आसपास के कई गांवों के रास्तों, चौक को भी बजरी से पाट दिया है।
पत्रिका ने रविवार को बनास के आसपास कान्याखेड़ी, मंडफिया, हमीरगढ़, ओज्याड़ा, भैंसाकुंडल गांवों का जायजा लिया तो खेतों में फ सलों की जगह बजरी के ढेर लगे मिले। सामने आया कि रात में नदी से बजरी खोदी जा रही है। कफ्र्यू हटने के बाद इसे बाहर भेजा जाएगा।
यहां तक जाती है बजरी
बनास की बजरी डंपरों के जरिए बजरी मुंबई, रतलाम, दिल्ली व नोएडा तक भेजी जाती है। सीमेंट के कट्टों की तरह अब बजरी भी छानकर, पैक कर भेजी जा रही है।
सरकारी वाहन ठोका
तिलकनगर में नायब तहसीलदार शैतानसिंह यादव मजदूरों से बात कर रहे थे तब बजरी से भरे ट्रैक्टर ा चालक सरकारी वाहन को टक्कर मार भागा। चालक घायल हो गया।

बजरी का अवैध दोहन हो रहा है तो जांच कराएंगे। नदी क्षेत्र में टीम भेजकर कार्रवाई करेंगे।
आसिफ मोहम्मद अंसारी, खनि अभियंता

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