डर को निकालें
य दि आप सामने वाले व्यक्ति से आई कॉन्टेक्ट बनाते समय नर्वस या असहज महसूस करते हैं तो इस डर से बाहर निकलना होगा। नहीं तो लोग आपकी बातों पर भरोसा नहीं करेंगे और न ही आप लोगों को अपने आडियाज से कनवे कर पाएंगे। आई कॉन्टेक्ट न बना पाना यह भी दर्शाता है कि आपमें कॉन्फिडेंस की कमी है। इसलिए अपने आई कॉन्टेक्ट को इंप्रूव करने पर ध्यान दें, तभी आप संवाद के दौरान स्वयं को सहज महसूस कर पाएंगे।
सही हो समय का अंतराल
आई कॉन्टेक्ट में समय का अंतराल भी सही होना चाहिए। इस तरह आप हेल्दी बैलेंस को मेंटेन कर सकते हैं। लगातार बिना पलकें झपकाए किसी व्यक्ति को देखते रहने से भी आपके बारे में निगेटिव मैसेज जाएगा। इसलिए आपका आई कॉन्टेक्ट ५ से १० सेकंड का ही होना चाहिए। इसके बाद स्वयं विचार करने या फिर जो कुछ कहा जा रहा है, उसे सोचने के लिए शीघ्र ही कुछ दूर देखें और फिर से आई कॉन्टेक्ट बनाएं। इस तरह नेचुरल बैलेंस बनाकर आप हेल्दी आई कॉन्टेक्ट को मेंटेन रख सकते हैं। साथ ही आपसे संवाद स्थापित करने वाले लोग भी सहज महसूस करेंगे।
बार-बार अभ्यास करते रहें
आई कॉन्टेक्ट में मास्टर बनने के लिए आपको लगातार अभ्यास करना होगा। इसके लिए आप अपने फैमिली मैम्बर या फिर दोस्तों के साथ प्रैक्टिस कर सकते हैं। यदि आपका आई कॉन्टेक्ट सही नहीं होगा तो ये लोग माइंड भी नहीं करेंगे। आपको इनसे सही फीडबैक भी मिलेगा। आप सही आई कॉन्टेक्ट बनाने की सलाह भी ले सकते हैं। इस तरह आपको अन्य लोगों से बातचीत करते समय सही आई कॉन्टेक्ट बनाने में मदद मिलेगी।
मिरर के सामने बात करें
मिरर के सामने खड़े होकर बात करते समय आपको यह पता चलेगा कि आपका आई कॉन्टेक्ट सही है या नहीं। साथ ही संवाद के दौरान आपकी बॉडी लैंग्वेज कैसी होती है, इसके बारे में भी जानकारी मिलेगी। इसलिए हाई लेवल के आई कॉन्टेक्ट को मेंटेन रखने के लिए मिरर के सामने बात करने का अभ्यास करें। एक्सपट्र्स के अनुसार आई कॉन्टेक्ट स्किल को डवलप करने के लिए यह तकनीक बहुत अधिक प्रभावी है।
न्यूज एंकर को देखें
न्यूज एंकर के हाव-भाव को देख कर भी आप सही आई कॉन्टेक्ट बनाना सीख सकते हैं। इससे आपको यह पता चलेगा कि कितनी देर तक सामने वाले व्यक्ति को देखना है और अब कहीं और देखना है। चाहें तो आप न्यूज एंकर को देखते हुए न्यूज बोलने की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। हेल्दी आई कॉन्टेक्ट की स्किल को सीखने के लिए यह अच्छी अपॉच्र्यूनिटी हो सकती है। इस तरह कमियों को सुधारने में मदद मिलेगी।