विजिलेंस स्क्वॉड: वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर कड़ी नजर
जयपुरPublished: Feb 26, 2020 07:21:42 pm
राजस्थान के औद्योगिक इलाकों में चिमनियों से धुएं की शक्ल में रासायनिक तत्वों को छोड़कर हवा को जहरीला बना रही औद्योगिक इकाइयों पर अब प्रदूषण नियंत्रण विभाग कड़ी नजर रखेगा। इतना ही नहीं, पर्यावरण विभाग की ओर से दोषी इकाइयों से जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है।
राजस्थान राज्य प्रदूषण मंडल की कार्रवाई
पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से राज्य में विभिन्न जगह विजिलेंस स्कवॉड का गठन किया गया है। साथ ही, 496 उद्योगों की जांच कर 9.70 करोड़ रुपए की पैनल्टी भी लगाई गई है।
विधानसभा में मंत्री ने दी जानकारी
विश्नोई प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भिवाड़ी में 904 इकाइयां हंै, जिनके लिए सीएटीपी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग को अब तक मिली शिकायतों में 17 फैक्ट्रियों के कनेक्शन काट दिए गए हैं तथा 4 शिकायतें इसी महीने मिली हैं, जो निस्तारित होनी शेष है।
भिवाड़ी में चल रहा सर्विलांस सेंटर
उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण की दृष्टि से भिवाड़ी में 3 मानक चलित यंत्र तथा एक सर्विलांस सेंटर चल रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों की ओर से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने अलवर, पाली, जोधपुर, भिवाड़ी सहित सभी जगह विजिलेंस स्क्वॉड का भी गठन किया है। साथ ही, 496 उद्योगों की जांच कर उन पर 9.70 करोड़ रुपए की पैनल्टी भी लगाई गई है।
कुछ फैक्ट्रियों की नहीं मिली शिकायत
इससे पहले विधायक संदीप कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में विश्नोई ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र तिजारा में कुछ फैक्ट्रियों की ओर से भारी प्रदूषण फैलाए जाने के संबंध में मामला राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के संज्ञान में नहीं हैं।
सदन के पटल पर रखा कार्रवाई विवरण
हालांकि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से समय-समय पर उद्योगों का निरीक्षण किया जाता है, जिसके दौरान कतिपय उद्योगों की ओर से अवहेलना अथवा प्रदूषण करते हुये पाये गये उद्योगों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। उन्होंने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण सदन के पटल पर रखा।