जयपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ( Rajyavardhan Singh Rathore ) ने फेसबुक मामले ( Face Book Case ) में लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सूचना प्रौद्योगिकी की संसदीय समिति ( Parliamentary Committee on Information Technology ) और समिति अध्यक्ष शशि थरूर ( Shashi Tharoor ) पर निशाना साधा ( Targeted ) है। ( Jaipur News ) पत्र में राठौड़ ने समिति के मौजूदा अध्यक्ष पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा अध्यक्ष फेसबुक मामले में एजेंडा बनाने के लिए मीडिया में बात कर रहे हैं, जबकि उन्हें बोर्ड में इस पर चर्चा करनी चाहिए। राठौर ने कहा कि बोर्ड में इस पर चर्चा न करना मीडिया में बात करना प्रोटोकॉल और सदन की कार्यवाही का उल्लंघन है। एक अमेरिकी अखबार में छपे लेख के बाद भारत में फेसबुक का विवाद गहरा गया है।
-एक दूसरे के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस फेसबुक विवाद को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर और समिति के सदस्य निशिकांत दुबे ने एक-दूसरे के खिलाफ विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस भेजा है। सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ भी विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस भेजा है। इस बीच भाजपा सांसद और सदस्य निशिकांत दुबे के खिलाफ समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने भी नोटिस भेजा।
फैसले की आलोचना की : शशि शशि थरूर ने लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार उल्लंघन का पत्र भेजा है। कांग्रेस नेता शशि थरूर का कहना है कि भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने फेसबुक के कथित कदाचार पर चर्चा के लिए एक समिति की बैठक बुलाने के अपने फैसले के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफ ॉर्म पर असहमतिपूर्ण टिप्पणी की। थरूर का यह भी दावा है कि निशिकांत दुबे ने उनके फैसले की अपमानजनक तरीके से आलोचना भी की।
-थरूर को एजेंडा तय करने का अधिकार नहीं : दुबे भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने न सिर्फ शशि थरूर बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को लेकर शिकायत की है। उनका कहना है कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि भारत में फेसबुक और वॉट्सएप पर भाजपा और आरएसएस का कब्जा है। इसके जरिए ये फेक न्यूज और नफ रत फैलाते हैं और चुनाव को प्रभावित करने में भी इस्तेमाल करते हैं। आखिरकार अमेरिकी मीडिया फेसबुक का सच बाहर ले ही आई। दुबे का दावा है कि संसद जिसमें भाजपा से जुड़े लोग भी शामिल हैं। भाजपा से संबंधित सांसदों के खिलाफ उक्त बेबुनियाद आरोप लगाकर राहुल गांधी ने ऐसे सभी संसद सदस्यों की गरिमा को ठेस पहुंचाया है और उनके संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। दुबे कहते हैं कि यह सदन की अवमानना भी है। थरूर ने फेसबुक मामले को लेकर फेसबुक से जवाब मांग लिया था। जिसके बाद इस संसदीय स्थायी समिति में शामिल एनडीए के सदस्यों ने आरोप लगाया कि थरूर ने बिना किसी से चर्चा के ही बैठक का एजेंडा तय कर लिया, जिसका उन्हें अधिकार नहीं है।