शोध अनुसार अमरीकी उपभोक्ताओं के लिए फेसबुक का मासिक खर्च करीब 40 से ५50 डॉलर (2700 से 3400 रुपए) है। वहीं यूरोपीय देशों में डिजिटल मैप देखने का मासिक खर्च 59 यूरो (करीब 4600 रुपए) से ज्यादा है। भारत में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले फ्री मैसेजिंग टूल वॉट्स ऐप के लिए प्रतिमाह 611 अमरीकी डॉलर यानि करीब 42 हजार 180 रुपए चुकाने होंगे।
शोध के इन निष्कर्षों के आधार पर निश्चित रूप से जीडीपी में बदलाव और सुधार के बारे में सोचने के पर्याप्त कारण हैं। अमरीका में 1980 से 2016 के बीच कम्प्यूटिंग तकनीक में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है। अमरीकी जीडीपी में इन्फॉर्मेशन सेक्टर इस दौरान 4 से 5 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ लगातार मजूबत हो रहा है।
शोधकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर तीन ऑनलाइन सर्वेक्षण कर लोगों को यूजर के रूप में इन मुफ्त ऑनलाइन डिजिटल सेवाओं की मासिक कीमत (प्राइस टैग) निर्धारित करने को कहा था जिनका वे उपयोग कर रहे थे। उत्तरदाताओं से यह भी पूछा गया कि क्या वे इन मुफ्त ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करते रहना पसंद करेंगे या एक तय कीमत लेकर इसे छोड़ देंगे? सर्वे में करीब 65 हजार उत्तरदाताओं ने हिस्सा लिया थाा। ऑनलाइन सेवाओं और उनसे जुड़ी कंपनियों के संबंध में कई निष्कर्ष सामने आए।
उपभोक्ताओं ने यूट्यूब और नेटफ्लिक्स जैसी ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए औसत वार्षिक मूल्य करीब 81 हजार (1173 डॉलर) रखा। अध्ययन से यह भी पता चला है कि उपभोक्ता प्रति वर्ष औसतन 12 लाख (17,530 डॉलर) रुपए सर्च इंजन पर और 58 हजार (8414 डॉलर)रुपए ईमेल का मूल्य रखा।