फेसबुक पर एक यूजर दकामडॉटकॉम ने इस पोस्ट को शेयर कियाहै। इस वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है कि कोरोनो वायरस हाथों पर 10 मिनट तक रहता है, इसलिए आपको अपनी जेब में एक सैनिटाइजर रखना चाहिए। इस पोस्ट के लिए यूनीसेफ को जिम्मेदार ठहराया गया है। वहीं साथ ही और भी कई दावे यूनिसेफ के नाम से शेयर किए हैं। साथ ही यह दावा ट्वीटर पर भी अन्य यूजर शेयर कर रहे हैं।
इस वायरल पोस्ट में सोर्स के तौर पर यूनीसेफ का नाम लिया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने यूनीसेफ की वेबसाइट पर और उसके सोशल हैंडल पर भी इस पोस्ट से संबंधित जानकारी को खोजा। हमें यूनीसेफ की वेबसाइट पर कोई ऐसा मैसेज नहीं मिला कि कोरोनो वायरस 10 मिनट तक हाथों में रहता है। वहीं डब्ल्यूएचओ के अनुसार स्टडीज से पता चलता है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) कुछ घंटों या कई दिनों तक किसी सरफेस पर बना रह सकता है। यह अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग हो सकता है। यह साबित करने वाला अभी तक कोई सबूत नहीं है कि कोरोनो वायरस 10 मिनट तक हाथों में रहता है। डब्ल्यूएचओ अल्कोहल आधारित हैंड रब या साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह देता है। अपनी आंखों, मुंह या नाक को छूने से भी बचें।
कई लोगों का मानना है कि तापमान बढऩे से कोरोना के मरीज कम हो जाएंगे। इसके लिए भी हमने डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर देखा तो पता चला कि एक ऑर्टिकल में लिखा है कि अपने आप को सूर्य के सामने या 25 डिग्री से अधिक तापमान पर जाना कोरोनोवायरस रोग को नहीं रोकता है। आप कोविड-19 की चपेट में आ सकते हैं। चाहे मौसम कितना भी तेज या गर्म क्यों न हो। गर्म मौसम वाले देशों में कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। अपने आप को बचाने के लिए सुनिश्चित करें कि आप अपने हाथों को बार-बार और अच्छी तरह से साफ करते हैं और अपनी आंखों, मुंह और नाक को छूने से बचते हैं।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इसकी जांच की और पता चला कि यह वायरल पोस्ट गलत है। हालांकि सैनिटाइजर को साथ रखना और हाथों को साफ करना एक अच्छी आदत है, लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोरोना वायरस हाथों में 10 मिनट तक रहता है। इसके अलावा इस पोस्ट का यूनीसेफ से कोई संबंध नहीं है।