फेसबुक पर राकेश तिवारी ने इस पोस्ट को शेयर किया है, जिसमें आमिर खान की फोटो के साथ लिखा है कि ‘सत्यमेव जयते में मैंने हिन्दू धर्म की दहेज, जातिवादी आदि प्रथाएं उजागर की, लेकिन इस्लाम धर्म की चार बीवियां, 10-12 बच्चे पैदा करना, मदरसे में बच्चों को आतंकवादी बनाना जैसी प्रथाएं उजागर करके मैं मुसलमानों को नाराज करना नहीं चाहता।’ इस पोस्ट को अब तक करीब 7हजार 200 लोग शेयर कर चुके हैं। वहीं ट्विटर पर भी ऐसे ही दावे के साथ लोग पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच शुरू की। टीम ने काफी मीडिया रिपोट्र्स खंगाले और सत्यमेव जयते के लगभग सभी एपिसोड्स भी देख डाले, मगर आमिर का ये बयान हमें कहीं नहीं मिला। अगर इस पोस्ट की मानें तो आमिर खान के इस प्रसिद्ध टॉक शो में सिर्फ हिंदू धर्म से जुड़े मुद्दों को उठाया गया है, जबकि इस्लाम से जुडी खामियों पर पर्दा डाला गया है। हमने इस पोस्ट को रिवर्स इमेज सर्च किया तो पता चला कि यह पोस्ट छह साल पहले ट्विटर पर देल्हीमूज नामक यूजर की ओर से 2 अप्रेल, 2014 को ट्वीट किया गया था, जिसमें लिखे कैप्शन का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है “मुसलमान हिंदुओं के खिलाफ एक जंग के पथ पर है। धीमी और स्थिर गति से मासूम युवाओं को बिगाडऩे का कार्य सारे मंचों पर किया जा रहा है।” (अंग्रेजी में लिखित कैप्शन “मुस्लिम ऑन ए वॉर पाथ अगेंस्ट हिंदूज… स्लो एंड स्टेडी पॉइजिनिंग ऑफ यंग इनोसेंट माइंड्स गोइंग ऑन एट ऑल प्लेटफाम्र्स…”)। हमें यह भी मालूम चला कि इसी ट्वीट की तस्वीर को अप्रेल 10, 2014 को फेसबुक पर भी शेयर किया गया था। हालांकि इस साल ऐसी कई अन्य पोस्ट्स भी शेयर की गई। इस वायरल पोस्ट की पुष्टि करने के दौरान हमारे समक्ष कोई भी ऐसी विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं आई, जिससे यह सिद्ध हो कि आमिर खान ने इस तरह का या इस से मिलता-जुलता कोई भी बयान दिया है। इसके बावजूद हमने ‘सत्यमेव जयते’ शो के लगभग सारे एपिसोड्स की जांच की, जिसमें हमने मार्च 30, 2014 को प्रसारित शो के सीजन 2 के आखिरी एपिसोड को काफी ध्यानपूर्वक देखा। राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने पाया कि आमिर खान ने शो के दौरान भी इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है। हमने कीवर्ड सर्च से यह भी देखा कि ट्विटर पर भी आमिर खान की ओर से इस प्रकार का कोई ट्वीट नहीं किया गया है। वहीं जांच में पता चला कि सोशल मीडिया पर आमिर खान को लेकर पहले भी इस तरह की फर्जी खबरें वायरल हो चुकी हैं।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि आमिर खान के शो सत्यमेव जयते में इस्लाम धर्म की प्रथाओं को उजागर नहीं करके मुस्लिमों को नाराज नहीं करने की वायरल पोस्ट गलत है। यह पोस्ट फर्जी है। आमिर खान ने ऐसा कोई स्टेटमेंट नहीं दिया है।” यह गलत वायरल हो रहा है।