scriptFact Check: मानव रहित ड्रोन 16 साल के हर्षवर्धन ने बनाया, तस्वीर जुबैर के नाम से वायरल | Fact Check: Harshvardhan made drone, photo goes viral name of Zubair | Patrika News

Fact Check: मानव रहित ड्रोन 16 साल के हर्षवर्धन ने बनाया, तस्वीर जुबैर के नाम से वायरल

locationजयपुरPublished: Mar 16, 2020 07:01:14 pm

Submitted by:

Gaurav Mayank

मानव रहित ड्रोन को 16 साल के मुस्लिम युवक के बनाने का दावा, दावा- मुस्लिम युवक होने से मीडिया नहीं कर रहा प्रचार, सोशल मीडिया पर यूजर्स कर रहे पोस्ट शेयर, सच : युवक का नाम हर्षवर्धन, गुजरात सरकार ने किया एमओयू, जानें इस वायरल पोस्ट की पूरी सच्चाई
 

Fact Check: मानव रहित ड्रोन 16 साल के हर्षवर्धन ने बनाया, तस्वीर जुबैर के नाम से वायरल

Fact Check: मानव रहित ड्रोन 16 साल के हर्षवर्धन ने बनाया, तस्वीर जुबैर के नाम से वायरल

सोशल मीडिया पर किसी फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया जाता रहता है। वहीं किसी पुरानी फोटो और वीडियो को नया बताकर भी उसे शेयर किया जाता है। कई बार सच्चाई कोसों दूर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग बिना सच जाने उसे वायरल करते रहते हैं।
सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म के अलावा व्हाट्सएप पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें कहा जा रहा है कि 16 साल के जुबैर खान ने बम का पता लगाकर डिफ्यूज करने वाला मानव रहित ड्रोन बनाकर सेना को समर्पित किया है। सोशल मीडिया में दो तस्वीरों वाली वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि यह तस्वीर बम और बारुदी सुरंग को डिफ्यूज करने वाले ड्रोन बनाने वाले 16 साल के मोहम्मद जुबैर की है। जुबैर की कामयाबी को मीडिया इसलिए नहीं दिखा रहा है, क्योंकि वह एक मुस्लिम है।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि यह दावा गलत है। इस पोस्ट की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई। हमें पता चला कि वायरल पोस्ट में दिख रहे युवक का नाम हर्षवर्धन जाला है। उन्होंने एक ऐसा ड्रोन बनाया है, जिसकी मदद से बम और बारुदी सुरंगों को डिफ्यूज किया जा सकता है। इन्हीं की पुरानी तस्वीरों को गलत नाम और दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल पोस्ट के माध्यम से यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि मुसलमान होने के कारण युवक की सफलता को मीडिया नहीं दिखा रहा है, जबकि सच्चाई का इससे दूर तक कोई संबंध नहीं है।

यह है वायरल पोस्ट में
व्हाट्सएप और फेसबुक पर दो फोटो को शेयर बनाकर एक पोस्ट वायरल किया जा रहा है। इसमें लिखा है कि 16 साल के इंजीनियर/वैज्ञानिक जुबेर खान को बधाई नहीं देंगे, जिसने बम/लैंड माइन का पता लगाकर डिफ्यूज करने वाला मानव रहित ड्रोन बनाकर सेना को समर्पित किया है।” इस पोस्ट को सच मानकर अब तक कई लोग शेयर कर चुके हैं।

जांच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई दोनों तस्वीरों को अलग-अलग जांचना तय किया। सबसे पहले पहली तस्वीर को क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें ओरिजनल तस्वीर कई वेबसाइट पर मिली। इस तस्वीर को 15 जनवरी 2017 को उस वक्त क्लिक किया गया था, जब हर्षवर्धन जाला अपने प्रोटोटाइप ड्रोन को दिखाने के लिए अहमदाबाद स्थित रैपिड एक्शन फोर्स के कैंप में सीआरपीएफ के अफसरों को दिखाने के लिए पहुंचा था। इसी तरह हमने दूसरी तस्वीर को भी गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्वीर कई जगह मिली। इसके बाद यांडेक्स टूल का यूज करते हुए हम ओरिजनल तस्वीर तक पहुंचे। फोब्र्स इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल से 27 अप्रैल 2018 को एक स्टोरी के माध्यम से इस तस्वीर को ट्वीट किया था। सर्च के दौरान हमें सभी वेबसाइट्स पर ड्रोन के साथ फोटो में युवक का नाम हर्षवर्धन ही मिला। वहीं कई फोटो में हर्षवर्धन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी दिखे। वहीं हर्षवर्धन ने गुजरात सरकार के साथ एक एमओयू भी साइन किया है।

सच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने जांच की तो पता चला कि मोहम्मद जुबैर के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी निकली। पोस्ट में दिख रहे शख्स का नाम हर्षवर्धन जाला है, न कि मोहम्मद जुबैर। हर्षवर्धन जाला की दोनों तस्वीरें पुरानी हैं। वायरल पोस्ट के जरिए यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि मीडिया इसको इसलिए नहीं दिखा रहा है, क्योंकि यह युवक मुस्लिम है। यह झूठा दावा है।
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