सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में लिखा है कि “ग्रुप के सभी माननीय सदस्यों को सूचित किया जाता है कि अभी कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी पोस्ट को केंद्र सरकार की ओर से दंडनीय अपराध घोषित किया गया है, केवल एक सरकारी एजेंसी कोरोना पर पोस्ट कर सकती है।” फेसबुक पर वायरल हमने फेसबुक पर इसी भ्रामक कैप्शन के साथ खोज की और पाया कि पोस्ट वहां वायरल है। फेसबुक पर दिनेश थापा यूजर ने इस पोस्ट को शेयर किया है। इस पोस्ट को अब तक करीब 618 लोगों ने शेयर किया है। वहीं करीब 200 लोगों ने लाइक किया है। वहीं ट्विटर और व्हाट्सएप पर भी ऐसी पोस्ट शेयर की जा रही है।
कोरोना वायरस का असर पूरे विश्व में हो रहा है। इसके लिए भारत में 21 दिन का लॉकडाउन भी रखा गया है। इसलिए आपको हम बता दें कि जब तक जरूरी न हो, लोगों का घर के अंदर रहना ही सुरक्षित है, लेकिन इस तरह का संदेश भेजना गलत है।” यह वायरस का असर मनुष्य से मनुष्य में ही फैल रहा है, इसलिए हमेशा हाथ धोते रहें और मुंह पर मास्क लगा कर रहें।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच शुरू की। हमने पाया कि वायरल फॉरवर्ड में किए जा रहे दावे झूठे हैं और गृह मंत्रालय की ओर से ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। वायरल मैसेज में जिस अधिकारी रवि नायक का नाम शामिल किया गया, उसके बारे में जानकारी के लिए हमने गृह मंत्रालय की वेबसाइट की जांच की, लेकिन हमें ऐसे किसी अधिकारी का नाम वहां नहीं मिला। इसके अलावा हमें ऐसा कोई भी समाचार रिपोर्ट नहीं मिला, जिसमें यह बताया गया हो कि गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संबंधित कुछ भी पोस्ट करना दंडनीय अपराध में शामिल किया है।