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भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं, हल्ला बोल कार्यक्रम में फिर दिखी गुटबाजी

locationजयपुरPublished: Oct 05, 2020 05:44:09 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

राजस्थान में पिछले दिनों आए सियासी संकट में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी जग जाहिर हो गई थी। यह गुटबाजी अब भी खत्म नहीं हो पाई है। राज्य सरकार के खिलाफ सोमवार को किए गए हल्ला बोल कार्यक्रम से कई नेताओं की दूरी ने साफ कर दिया कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं है।

भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं, हल्ला बोल कार्यक्रम में फिर दिखी गुटबाजी

भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं, हल्ला बोल कार्यक्रम में फिर दिखी गुटबाजी

जयपुर।

राजस्थान में पिछले दिनों आए सियासी संकट में कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी जग जाहिर हो गई थी। यह गुटबाजी अब भी खत्म नहीं हो पाई है। राज्य सरकार के खिलाफ सोमवार को किए गए हल्ला बोल कार्यक्रम से कई नेताओं की दूरी ने साफ कर दिया कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं है।
कार्यक्रम में सभी पदाधिकारी, विधायक, पूर्व विधायक और विधायक प्रत्याशियों को बुलाया गया था, लेकिन जयपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कई विधायक और विधायक प्रत्याशियों ने कार्यक्रम से दूरी बनाई। ऐसे में कार्यकर्ता चर्चा करते नजर आए कि पार्टी विद डिफरेंस का दावा करने वाली भाजपा में वाकई गुटबाजी हावी हो गई है। जिन नेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बनाई, उनमें कई वसुंधरा राजे खेमे के हैं।
जयपुर में होने के बाद भी नहीं आई राजे

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों जयपुर में हैं, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम से दूरी बनाई। इसे लेकर कार्यकर्ता आपस में चर्चा करते रहे। जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इसी तरह विधायक, पूर्व विधायक, विधायक प्रत्याशियों को भी बुलाया गया था। लेकिन विधायक नरपत सिंह राजवी और अशोक लाहोटी प्रदर्शन में नहीं पहुंचे। इसी तरह विधायक प्रत्याशी राजपाल सिंह शेखावत, मोहन लाल गुप्ता, अशोक परनामी सहित ग्रामीण क्षेत्र के कई विधायक और विधायक प्रत्याशी प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।
बड़े नेता नहीं दिखे साथ

कार्यक्रम में गुटबाजी भी साफ दिखी। पूनियां अकेले ही पुलिस से गुत्थमगुत्था होकर आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे, लेकिन कोई भी बड़ा नेता उनके साथ खड़ा नहीं दिखा। प्रदर्शन में विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक, कैलाश वर्मा शामिल हुए थे, लेकिन वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ अलग नजर आए।
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