आरोपी चोरी छिपे काला ऑयल मंगवाता, फिर उसे क्ले मिट्टी के जरिए 400 से 500 डिग्री तक गर्म करने के बाद वापस ठंडा करके कैमिकल मिला नकली डीजल तैयार करता था। एक दिन में करीब 4 हजार लीटर नकली डीजल तैयार किया जा सकता है। एक लीटर डीजल तैयार करने में 35 से 40 रुपए खर्चा आता और उसे ग्रामीण क्षेत्रों में 50 रुपए लीटर में बेचते हैं। इस नकली डीजल के उपयोग से वाहनों के इंजन जल्दी खराब हो जाते हैं। वहीं जैतपुरा आबादी के बीच बिना सुरक्षा इंतजाम के यह कारखाना चलाया जा रहा था। यहांबॉयलर की क्षमता इतनी है कि उसके फटने पर एक किलोमीटर क्षेत्र में नुकसान हो सकता है।
एसीपी चौमूं राजेन्द्र निर्वाण ने बताया कि आरोपी ने केसवाना, कोटपूतली, मदनगंज रीको क्षेत्र, बीकानेर, हनुमानगढ़ और भीलवाड़ा में भी नकली डीजल बनाने के कारखाने चलने का बताया है। साथ ही जयपुर में एक कारखाना बगरू रीको क्षेत्र में चलने की बात सामने आई है। पुलिस उसकी तस्दीक में जुटी है।