जयपुर. छोटी काशी में फाल्गुन माह शुरू होते ही मंदिरों में फागोत्सव शुरू हो गए हैं। शहर में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं और संगठनों की ओर से आयोजित होने वाले फागोत्सव में समय के साथ बदलाव आ रहा है। इसके चलते फागोत्सव में लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है।
फोटो : रघुवीर सिंह
एक दशक पहले तक जहां फागोत्सव में फाल्गुनी भजनों के बीच रंग व गुलाल की होली खेली जाती थी। आज गुलाल प्रभु चरणों और तिलक लगाने के काम में आती है और फूलों से होली खेली जाती है।
पहले जहां नंगारों और चंग की थाप पर होलिया गाई जाती थी। आज चंग का स्थान इलेक्ट्रोनिक पेड तथा हारमोनियम के स्थान पर ऑर्गन आ गया है। वहीं भक्त जहां पहले रंग-बिरंगे कपड़े पहन कर आते थे। आज वहीं एक जैसे कपड़े पहनने लगे हैं।