वास्तविकता का स्थान लेती जा रही है आस्था: राजन महान
Post Truth World में उलझा पत्रकारिता का सच
पत्रकार विश्वास कुमार की स्मृति में सच की पत्रकरिता विषय पर व्याख्यान माला
Published: 04 Mar 2021, 11:54 PM IST
जयपुर। Post Truth World में आज की पत्रकारिता और पत्रकारिता का सच उलझा हुआ है। आज पत्रकारिता पर भी आस्था हावी होती जा रही है। यह विचार वरिष्ठ पत्रकार राजन महान ने गुरुवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित व्याख्यान माला में व्यक्त किए। वरिष्ठ पत्रकार विश्वास कुमार की पुण्य स्मृति में गुरुवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में सच की पत्रकरिता विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार रखे, साथ ही पिछले दिनों दिवंगत हुए पत्रकार साथियों की याद में मौन रखकर श्रदांजलि दी। वक्ताओं ने वरिष्ठ पत्रकार विश्वास कुमार से जुड़े संस्मरण भी सुनाए।
पत्रकार राजन महान ने कहा कि प्रजातांत्रिक समाज में मुद्दों को लेकर जाना सच्ची पत्रकारिता है। इससे लोगों की धारणा तय होती है और सामाजिक विकास को गति मिलती है। आम नागरिक को जरूरी जानकारी हमारे जरिए से मिले, इस पर काम करने की जरूरत है। अगर मेरी कलम किसी से प्रभावित होगी तो फिर वो सच नहीं है। हम समाज को बेहतर बनाए, इंसान और इंसानियत के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि बिना सच्चाई के पत्रकारिता नहीं है। पत्रकारिता शाश्वत सत्य नहीं जो बदलता नहीं है। विश्वास कुमार पत्रकारिता का आधार थे। विश्वास जी ने आदर्श के साथ पत्रकारिता करने की कोशिश की। एक पत्रकार होने के नाते हमारी पहली जिम्मेदारी है सच बोलना। पत्रकारिता में बिना राग द्वेष के लिखना हमारी जिम्मेदारी है। हमारी जिम्मेदारी उस संविधान के प्रति है जिससे देश चल रहा है। अगर हम किसी को खुश करने के लिए लिखते हैं तो वह पत्रकारिता नहीं है। समाज के लिए सच क्या है आज इसकी अहमियत खत्म हो चुकी है। अगर आप अपने आत्मा और नैतिक मूल्य के साथ जी रहे हैं तो ही हम अपना काम कर सकते हैं। उनका कहना था कि आज लोगों में संवेदनाओं या भावनाओं के नाम पर विरोध की परंपरा शुरू हो गई है। इस आधार पर ही लोग बिना सोचे समझे विरोध पर उतर आते हैं। आज समाज धर्म के ठेकेदार बन गए हैं। पत्रकारों का धर्म पैसा कमाना है यह बात बात नहीं है। जरूरत इस बात की है किसच की पत्रकारिता के लिए हम अपने आत्मबल को बढ़ाएं। सबसे पहले खुद को सशक्त बनाना होगा तब बेहतर समाज बनेगा।
पत्रकारों पर हो रहे हमले
वरिष्ठ पत्रकार सनी सेबेस्टियन ने कहा कि पत्रकारिता कमजोर हो रही है, पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। भारत एक सबसे बड़ा मीडिया मार्केट के रूप में विकसित हुआ है लेकिन विश्व के मुकाबले में हमारी पत्रकारिता का स्तर लगातार गिर रहा है। वर्ष 2019 में हमारी विश्व रैंकिंग 180 देशों में 140 पर थी। हमारी आजादी में पत्रकारों का योगदान रहा है, लेकिन अब वो आजादी नहीं है। महामारी के चलते मीडिया में सैंकड़ों लोगों की नौकरी गई है, इससे भी पत्रकारों पर दबाव है। फ्रंट लाइन पर काम करने के बाद भी उनको कोरोना वॉरियर नहीं माना गया। कितने ही मीडिया हाउस बंद हो गए। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया से फेक न्यूज का खतरा भी बढ़ रहा है
श्रम कानूनों ने किया पत्रकारों को कमजोर
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी ने कहा कि श्रम कानूनों में लगातार हो रहे संशोधन ने पत्रकारों को कमजोर किया है। पत्रकारों को संरक्षण देेने वाली संस्थाएं भी अब कमजोर होती जा रही है। आज एकजुट होकर काम करें और इस मार्केट ओरिएंटेड इकोनॉमी में अपने को मजबूत बनाने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार ईशमधु तलवार ने किया। वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण चंद छाबड़ा, जगदीश शर्मा, राजीव तिवाड़ी, एलएल शर्मा और प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी विचार व्यक्त किए। वरिष्ठ पत्रकार सुनीता चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज