नोटबंदी के दौरान तस्करों के इस खेल का ही नतीजा है कि नोटबंदी के तीन साल बाद भी जाली नोटों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। आंकड़ो के अनुसार तस्करो ने बार्डर से सटे प्रदेश के जिलों में जाली नोटों की खेप जमकर भेजी है। यही वजह है कि पाकिस्तान से सटे जिलों में एक-एक हजार के जाली नोट बैंकों में भी भारी मात्रा में जमा करवाए गए। आरबीआई ने इस साल मई माह में एक हजार के जाली नोटों के मामले में छह ममाले दर्ज करवाए गए हैं।
जाली नोटों के सफाए के लिए नोटबंदी
नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का उद्देश्य पांच सौ के नोटों को चलन से बाहर करना था। इसके बाद भी तस्करों की ओर से भेजी गई जाली नोटों की हाईक्वालिटी खेप और अलग-अलग सीरिज के हाने से ये आसानी से बाजार में चल गए जिससे नोटबंदी में बैंकों को नुकसान हुआ।
दो हजार के जाली नोट का मामला भी सामने आया हाल ही नेशनल जांच एजेंसी (एनआईए) ने मार्च में पाकिस्तानी तस्कर रन सिंह को गिरफ्तार कर पाक में दो हजार के जाली नोट छापने की प्रेस का खुलासा किया था। एनआईए की सूचना पर ही पिछले माह नेपाल में भी दो हाजर के जाली नोटों की खेप पकड़ी गई। जाली नोटों की तस्करी में दाउद का भी हाथ बताया गया है।
जिलों के बैंक जहां मिले जाली नोट अजमेर – 553, चूरू – 449, कोटा- 417, जयपुर- 408, बीकानेर – 405, भरतपुर – 306, सवाईमाधोपुर – 142, चित्तोडगढ़़- 136, झुंझुनू – 101, अलवर – 125, उदयपुर – 121, बाड़मेर- 196, दौसा- 107, बांसवाड़ा- 89, करौली- 69, हनुमानगढ़- 66, भीलवाड़ा- 60, बांसवाड़ा- 59, जैसलमेर- 55, श्रीगंगानगर – 52, झालावाड़- 51, उदयपुर- 41, सिरोही – 37, धौलपुर- 35, अलवर- 32, पाली- 30, श्रीगंगानगर- 29, राजसमंद – 21, डूंगरपुर- 18, जोधपुर- 13, जालौर- 11, झुंझुनू- 10, टोंंक- 8, हनुमानगढ़- 5
मामले की जांच की जा रही है जाली नोटों के मामले में आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक ओपी कविया की ओर से गांधी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है, जिसे जांच के लिए संबंधित जिला पुलिस को भेज दिया गया है।
आनंद श्रीवास्तव, कमिश्नर, जयपुर