scriptखाली कागज पर चल रहा था फर्जी आधार कार्ड बनाने का गोरख धंधा, पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार | fake Aadhaar card makers arrested by Jiapur Police | Patrika News

खाली कागज पर चल रहा था फर्जी आधार कार्ड बनाने का गोरख धंधा, पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार

locationजयपुरPublished: Oct 20, 2017 06:50:36 pm

दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सरकार की दर बहुत कम है जिसके कारण से उनका खर्चा नहीं निकल पा रहा था इसलिए वह डिमांड के अनुसार कार्ड बनाते थे।

fake Aadhaar card makers
फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों पर पुलिस की एक फिर सख्ती दिखी है। जहां शुक्रवार को शहर के मालवीय नगर पुलिस टीम ने बगैर दस्तावेज के फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले दो लोगों को गिरफ्चार किया है। तो पुलिस ने खुलासा किया कि इन में से एक आधार कार्ड में ऑपरेटर की पद पर है वही दूसरा एक ई-मित्र संचालक है। दोनों आरोपियों को पड़कने के बाद पुलिस ने इन्हें अदालत में पेश किया जहां से दोनों को 23 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
मालवीय नगर थाना को ऐसी सूचना मिली थी कि जगतपुरा दादू दयाल नगर के पास में एक ही मित्र पर फर्जी तौर पर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं, और 25 रुपए के आधार कार्ड के बदले 500 रुपए लिए जा रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने अपनी टीम भेजी। इसके बाद टीम ने कार्यवाई करते हुए मुकुंदपुरा कानोता निवासी प्रकाश अग्रवाल के साथ ई-मित्र संचालक दादू दयाल नगर के राहुल पारीक को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल इस मामले पुलिस इन दोनों से अभी और पूछताछ कर रही है, जिससे यह पता लग सके कि अभी कितने आधार कार्ड फर्जी तरीके से बनाए गए हैं।
तो वहीं दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सरकार की दर बहुत कम है जिसके कारण से उनका खर्चा नहीं निकल पा रहा था इसलिए वह जैसे सामने वाले की डिमांड होती उसके आधार पर चार्ज बता देते थे। उधर कृषि अनुसंधान में यह भी सामने आया कि उन्होंने कई सादे कागज पर फर्जी आधार कार्ड तैयार कर दिए। इस मामले में उनका कहना है कि उन्होंने एड्रेस प्रूफ की जगह प्लेन सादा कागज वहां भेजा और इसके बाद वहां से अप्रूवल होने के बाद आधार कार्ड की कॉपी भी आ गई। फिर जब ऐसा हुआ तो इन्होंने ऐसे कई फर्जी आधार कार्ड बनाएं।
जानकारी के मुताबिक पुलिस जांच में भी अभी तक दर्जनभर आधार कार्ड ऐसे सामने आए हैं जो कि जो ब्लैंक पेपर से बनाए गए हैं। तो वहीं पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दोनों पिछले 8 माह से साथ काम कर रहे थे और 2015 से प्रकाश अग्रवाल ऑपरेटर बना था उसके बाद से वह किसी काम में शामिल हो गया। लेकिन उसे कोई ई-मित्र संचालक नहीं मिल पा रहा था। फिर उसकी मुलाकात राहुल पारिख से हुई तब दोनों ने मिलकर इस तरह का काम करना शुरू कर दिया।
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