चलती कार में नकली नोट छापकर लोगों से ठगी करने के दो आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार रात रायला थाना क्षेत्र में अजमेर फोर लेन पर दबोच लिया। दोनों के कब्जे से पांच-पांच सौ रुपए के साढ़े चौदह हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं, जबकि चार हजार रुपए के नकली नोट आरोपियों ने फाड़ दिए।
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार देर रात थाने के समीप नाकाबंदी के दौरान अजमेर से नीमच की तरफ जा रही एक लग्जरी कार को रोका गया। कार में प्रिंटर को देख कर उसमें सवार दो जनों से पूछताछ की गई, लेकिन दोनों के संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कार की तलाशी ली गई। इस दौरान उनके कब्जे से पांच-पांच सौ रुपए के 14 हजार 500 रुपए के नकली नोट बरामद हुए, वहीं चार हजार रुपए के नकली फटे नोट सीट के नीचे बिखरे मिले। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कार जब्त कर ली है। कार से प्रिंटर व स्कैनर जब्त किया गया। रायला थाने में पूछताछ में आरोपियों ने उज्जैन के महानंदानगर निवासी आलोक (32) तथा यूपी के फैजाबाद निवासी सुरजीत (27) होना बताया। मामले की जांच बाद में कोतवाली पुलिस को सौंपी गई है।
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार देर रात थाने के समीप नाकाबंदी के दौरान अजमेर से नीमच की तरफ जा रही एक लग्जरी कार को रोका गया। कार में प्रिंटर को देख कर उसमें सवार दो जनों से पूछताछ की गई, लेकिन दोनों के संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कार की तलाशी ली गई। इस दौरान उनके कब्जे से पांच-पांच सौ रुपए के 14 हजार 500 रुपए के नकली नोट बरामद हुए, वहीं चार हजार रुपए के नकली फटे नोट सीट के नीचे बिखरे मिले। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कार जब्त कर ली है। कार से प्रिंटर व स्कैनर जब्त किया गया। रायला थाने में पूछताछ में आरोपियों ने उज्जैन के महानंदानगर निवासी आलोक (32) तथा यूपी के फैजाबाद निवासी सुरजीत (27) होना बताया। मामले की जांच बाद में कोतवाली पुलिस को सौंपी गई है।
सांझ ढलने के बाद चलाते नकली नोट
प्रिंटर से नकली नोट निकाल कर ये इन्हें ग्र्रामीण क्षेत्र में चलाते या फिर कमजोर दुकानदार को तलाशते। वे इन नोटों को शाम के बाद ही चलाते थे, ताकि आसानी से इन्हें पहचाना नहीं जा सके। आरोपी एक नकली नोट देकर पहले सौ रुपए की खरीदारी करते। इसमें वे सिगरेट, बे्रड, नमकीन के पैकेट व पानी की बोतल आदि खरीदते। इसके बाद मिलने वाले 400 रुपए वे तसल्ली से खर्च करते।
प्रिंटर से नकली नोट निकाल कर ये इन्हें ग्र्रामीण क्षेत्र में चलाते या फिर कमजोर दुकानदार को तलाशते। वे इन नोटों को शाम के बाद ही चलाते थे, ताकि आसानी से इन्हें पहचाना नहीं जा सके। आरोपी एक नकली नोट देकर पहले सौ रुपए की खरीदारी करते। इसमें वे सिगरेट, बे्रड, नमकीन के पैकेट व पानी की बोतल आदि खरीदते। इसके बाद मिलने वाले 400 रुपए वे तसल्ली से खर्च करते।
जरूरत से दस घंटे पहले नोट छाप लेते थे
आरोपियों ने खुलासा किया कि वे स्कैनर व प्रिंटर कार में ही रखते थे। जरूरत पडऩे से करीब दस घंटे पहले वो नकली नोट छाप लेते। ये शातिर आरोपी उत्तरप्रदेश, एमपी, महाराष्ट्र के साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में नकली नोट चला कर जालसाजी व ठगी की वारदात कर चुके हैं। दोनों आरोपी इन दिनों उज्जैन में रह रहे थे।
आरोपियों ने खुलासा किया कि वे स्कैनर व प्रिंटर कार में ही रखते थे। जरूरत पडऩे से करीब दस घंटे पहले वो नकली नोट छाप लेते। ये शातिर आरोपी उत्तरप्रदेश, एमपी, महाराष्ट्र के साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में नकली नोट चला कर जालसाजी व ठगी की वारदात कर चुके हैं। दोनों आरोपी इन दिनों उज्जैन में रह रहे थे।