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फर्जी भ्रूण जांच करते पकड़े गये आरोपियों को जेल भेजा,जांच में हुए कई खुलासे

locationजयपुरPublished: Apr 16, 2018 09:41:23 pm

पिछले दिनो को पीसीपीएनडीटी सैल द्वारा की गई डिकॉय कार्यवाही में फर्जी भ्रूण जांच करने वाले आरोपियों से कई खुलासे हुए है। जांच में सामने आया कि चौमूं व

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जयपुर।

पिछले दिनो को पीसीपीएनडीटी सैल द्वारा की गई डिकॉय कार्यवाही में फर्जी भ्रूण जांच करने वाले आरोपियों से कई खुलासे हुए है। जांच में सामने आया कि चौमूं व आसपास के इलाके में फर्जी तरीके से भ्रूण जांच करने वाले गिरोह का मुख्य सरगना ताराचंद जाट है। जो पकड़े गये आरोपियों के माध्यम से सिर्फ रविवार को ही फर्जी तरीके से भ्रूण जांच करवाने का कार्य करवाता था। इन आरोपियों के माध्यम से प्रत्येक रविवार को 8 से 10 गर्भवती महिलाओं की फर्जी भ्रूण जांच की जाती थी। इसके एवज में महिलाओं से 30 से 40 हजार रूपये भ्रूण जांच के नाम पर और 20 हजार रूपये गर्भपात के नाम पर लिया जाता था। मुखबिर द्वारा पुष्टि किये जाने के दौरान भी पाया कि मुख्य सरगना सोमवार से रविवार तक अलग-अलग टीमों से फर्जी तरीके से भ्रूण जांच करवाने का काम करता था। प्रत्येक टीम में 3 से 5 सदस्य है जिनमें से कभी कभार कोई छुट्टी पर रहता था तो भी 3 से 4 लोग फर्जी भ्रूण जांच का काम करते थे। पुष्टि के दौरान यह भी सामने आया कि 1 से 2 गर्भवती महिलाओं को साथ बुलाकर गाड़ी में ही फर्जी भ्रूण जांच के कार्य को अंजाम दिया गया था।
सरगना के खिलाफ शिकायत भी करवाई गई थी दर्ज
चौमूं क्षेत्र से स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 104व 108पर मुखबीरों द्वारा मुख्य सरगना के लिए शिकायत दर्ज करवाई गई थी। चौमूं क्षेत्र के 50 किलोमीटर दायरे में गर्भवती महिलाओं से सम्पर्क करने के लिए करीब 3 दर्जन से अधिक दलाल बना रखे है इन दलालों के माध्यम से प्रतिमाह 150 से लेकर 200 गर्भवती महिलाओं की फर्जी भ्रूण जांच करता था वही लगभग 100 महिलाओं का गर्भपात भी करवाया जाता था। प्रारम्भिक पूछ हर महीने लगभग 1 करोड़ का कारोबार इस क्षेत्र में ही किया जाता रहा है। मुख्य सरगना ताराचंद जाट गत वर्ष 13 जनवरी 2017 को भ्रूण जांच के आरोप में पकड़े जाने के बाद 8 महीने जेल में रहने के बाद वापस आया था। उसके बाद उसे बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से भ्रूण जांच करने का काला कारोबार शुरू कर दिया। जेल से छुटने के बाद मुख्य आरोपी पैसे एकत्रित करने का ही कार्य करता है बाकि का काम सोमवार से रविवार तक नियुक्त किये गये तथाकथित डॉक्टरों से फर्जी भ्रूण जांच का काम करवाता है। पता चला है कि आरोपी ताराचंद जाट द्वारा गर्भपात का कार्य भी अप्रशिक्षित लोगों के द्वारा ही करवाया जाता रहा है। गिरफ्तार किये गये आरोपियों में शीशराम गुर्जर करीब 5 वर्ष से जुडा हुआ था जिसके सम्पर्क राजस्थान व अन्य राज्यों में भ्रूण जांच करने वालों से भी संबध की भी पुष्टि हुई है। यही नही आरोपी शीशराम गुर्जर गर्भवती महिला को भ्रूण जांच करवाने का पूर्ण भरोसा दिलाते हुए लगातार भ्रूण जांच करवाने के लिए प्रेरित करता था। डिकॉय आपरेशन के बाद गिरफ्तार किये गये आरोपियों को सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहां से उन्हे 15 दिन के लिए जेल भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि डिकॉय कार्रवाई में झुंझुनूं की गर्भवती महिला की ही मुख्य भूमिका रही है जिसके माध्यम से ही कार्रवाई को अंजाम दिया जा सका।
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