करधनी थाने के एसआई सवाई सिंह को हरमाड़ा क्षेत्र में नकली घी का कारखाना संचालित होने की सूचना मिली थी। इस पर शाम करीब सवा पांच बजे खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. सुनील, विरेन्द्र और शशिकांत ने पुलिस के साथ माता मंदिर (श्याम नगर पांच) के पास स्थित एक कारखाने पर कार्रवाई की।
थानाधिकारी लखन सिंह खटाणा ने बताया कि मौके से नकली घी के करीब 450 पीपे बरामद किए। साथ ही सरस, कृष्णा व हमारा सहित अन्य कई कंपनियों के हजारों खाली रैपर्स भी जब्त किए। पुलिस ने वहां काम कर रहे इलाहाबाद निवासी अशोक और बबलू को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि यहां पिछले डेढ़ महीने से नकली घी बनाने का काम चल रहा है। कारखाने का मालिक विद्याधर नगर निवासी विरेन्द्र शर्मा है।
छात्रा के निलंबन पर अंतिम फैसला नहीं
जयपुर। हाईकोर्ट ने छात्रों के प्रदर्शन के दौरान प्रोफेसर से धक्का-मुक्की के आरोप में गिर तार लॉ कॉलेज छात्रा के निल बन पर अंतिम फैसला नहीं करने पर राजस्थान यूनिवर्सिटी व लॉ कॉलेज प्रिंसिपल से जवाब मांगा है। मामले में बुधवार को सुनवाई होगी। न्यायालय ने पूजा वर्मा की याचिका पर यह आदेश दिया है। एडवोकेट सतीश खंडेलवाल ने कोर्ट को बताया कि 10 जुलाई को प्रदर्शन के दौरान याचिकाकर्ता छात्रा पर प्रोफेसर से अभद्रता व धक्का-मुक्की के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने उसे गिर तार किया था और ८ दिन बाद उसे जमानत मिली थी। छात्रा को 11 जुलाई को निलंबित कर दिया गया। छात्रा का सैकंड ईयर लॉ का रिजल्ट आ गया लेकिन यूनिवर्सिटी ने इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वह राष्ट्र स्तर की तीरंदाजी की खिलाड़ी भी रही है। उसका निलंबन समाप्त कर तृतीय वर्ष लॉ में प्रवेश देना चाहिए।
जयपुर। हाईकोर्ट ने छात्रों के प्रदर्शन के दौरान प्रोफेसर से धक्का-मुक्की के आरोप में गिर तार लॉ कॉलेज छात्रा के निल बन पर अंतिम फैसला नहीं करने पर राजस्थान यूनिवर्सिटी व लॉ कॉलेज प्रिंसिपल से जवाब मांगा है। मामले में बुधवार को सुनवाई होगी। न्यायालय ने पूजा वर्मा की याचिका पर यह आदेश दिया है। एडवोकेट सतीश खंडेलवाल ने कोर्ट को बताया कि 10 जुलाई को प्रदर्शन के दौरान याचिकाकर्ता छात्रा पर प्रोफेसर से अभद्रता व धक्का-मुक्की के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने उसे गिर तार किया था और ८ दिन बाद उसे जमानत मिली थी। छात्रा को 11 जुलाई को निलंबित कर दिया गया। छात्रा का सैकंड ईयर लॉ का रिजल्ट आ गया लेकिन यूनिवर्सिटी ने इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वह राष्ट्र स्तर की तीरंदाजी की खिलाड़ी भी रही है। उसका निलंबन समाप्त कर तृतीय वर्ष लॉ में प्रवेश देना चाहिए।