पुलिस निरीक्षक विरेन्द्रसिंह ने बताया कि फलोदी निवासी गिरीश व्यास के अपहरण, मारपीट व लूट की वारदात की जांच करने पर पाया गया कि यह वारदात हुई नहीं है, बल्कि रिपोर्टकर्ता ने झूठी कहानी गढ़कर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।
पुलिस द्वारा की गई जांच में पाया गया कि गिरीश व्यास का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि उसने अपनी अंगूठी 21 हजार में बेचकर दोस्त नवीन पुरोहित की कार को किराए पर लेकर उसके साथ वह घूमने के लिए पोकरण गया था और वापस लौटा तो उसने अपनी चेन व मोबाइल कार चालक को सौंपकर राइकाबाग पुलिया के पास कार से उतर गया था। बाद में वहां स्वास्थ्य बिगडऩे पर रात के समय लोगों ने उसे फलोदी स्थित राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया।
रिपोर्ट में बताई थी यह कहानी फलोदी के मालियों का बास निवासी गिरीश व्यास पुत्र शिवकुमार व्यास ने रिपोर्ट दर्ज करवाकर बताया था कि बुधवार की दोपहर वह मलार रोड पर अपने मित्र के घर जा रहा था। इस दौरान रास्ते में एक कम्पर गाड़ी वहां रुकी तथा चालक ने एसएमबी स्कूल का रास्ता बताने के लिए उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। यह गाड़ी को एसएमबी स्कूल के पास पहुंचने के बाद भी ड्राइवर ने उसे उतारा नहीं और जबरन गाड़ी में बिठाए रखा और यह गाड़ी एसएमबी के निकट स्थित पुलिस से होते हुए सूनसान स्थान की ओर ले गए।
गाड़ी चालक व उसमें सवार अन्य लोगों ने उसके मुंह पर कपड़ा डालकर मारपीट करनी शुरू कर दी। जिससे बेहोस वह हो गया तो उसे जख्मी हालत में रेल क ी पटरियों के पास डालकर वे वहां से भाग निकले। रात के समय गिरीश को जब होश आया और सार-सम्हाल ली तो उसके हाथ में पहनी सोने की अंगूठी, गले में पहनी सोने की चेन, जेब में रखी 15 सौ की नकदी व मोबाइल गायब थे।