बैंककर्मियों की भूमिका की जांच पुलिस मामले में बैंककर्मियों की भूमिका भी जांच रही है। पुलिस का मानना है कि इस तरह से लाखों रूपए के लेन—देन से पहले बैंककर्मियों ने कंपनी में कॉल नहीं किया। इसी के साथ केवल मेल के आधार पर लाखों रूपए दूसरे खातों में डालना पुलिस को संदेहास्पद लग रहा है।
बचने की पूरी कोशिश पुलिस पूछताछ में आया कि बैंक में चैकबुक समाप्त होने के बहाने मेल किया जाता था। मेल पूरी तरह से कंपनी के मिलते जुलते नाम से होता था। इसके लिए ऐसे खातों को टारगेट किया जाता था जिसमें लाखों रूपए का लेन—देन होता है। जिन खातों में रूपए डाले जाते थे वहां के पते फर्जी होते थे और वारदात के बाद तत्काल आरोपी अपना निवास स्थान बदल देते थे।
अन्य वारदात दे चुके हैं अंजाम गिरफ्तार आरोपी तौसिब पहले भी जोधपुर के शास्त्रीनगर थाने में गिरफ्तार हो चुका है। इसी के साथ सांगानेर सदर में आॅटो वर्ल्ड कंपनी में करीब साढ़े 23 लाख रूपए की इसी तरह से ठगी हुई है। इसकेा लेकर भी पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।