कोर्ट ने मंगलवार को फलाहारी बाबा के बचाव पक्ष के वकीलों की ओर से अंतिम बहस पूरी होने के बाद बुधवार को फैसले का दिन निर्धारित किया था। मामला सामने आने के बाद जब पीडि़ता को लेकर आश्रम पहुंची थी तो पुलिस को बाबा के कमरे में लैपटॉप, कैमरा, आयुर्वेदिक दवाइयां सहित महिलाओं की करीब एक दर्जन पायल मिली थी।
इस दौरान पुलिस ने बाबा के शिष्यों अमित, अमरीश, अम्बिका सहित पड़ोसी एवं मंदिर सेवा से जुड़े रामवीर चौधरी से अलग-अलग पूछताछ की थी। इनमें से अमरीश दिव्य धाम के कमरा नम्बर-1 में ठहरी पीडि़ता को बाबा के कहने पर बुलाने गया था। वहीं, अम्बिका अगले दिन सुबह उसे स्टेशन छोडऩे गया था। उसके साथ बाबा का एक अन्य शिष्य अमित भी गया था, जो गाड़ी चला रहा था।
वहीं, पड़ोसी रामवीर का भी घर समीप होने के कारण आश्रम में काफी आना-जाना रहता था। पुलिस ने इन सभी से अलग-अलग पूछताछ की थी। पुलिस ने पीडि़ता के साथ-साथ उसके मां-बाप के भी बयान दर्ज किए थे।
यूं चला घटनाक्रम
– विलासपुर निवासी पीड़िता का परिवार 1986 में बाबा के सम्पर्क में आया।
– 7 अगस्त 2017 को पीडि़ता इन्टरशिप में मिले 3 हजार रुपए बाबा को भेंट करने अलवर आई और दिव्य धाम के कमरा नम्बर एक में ठहरी।
– शाम 7 बजे बाबा के एक शिष्य ने उसका दरवाजा खटखटाया और कहा कि बाबा ने बुलाया है।
– शाम 7.30 बजे वह बाबा के कमरे में पहुंची।
– बाबा ने पहले घरवालों के बारे में पूछताछ की, फिर लैपटॉप चालू कराया।
– इसके बाद बाबा ने सभी शिष्यों को जाप के लिए नहाने भेज दिया और अपने कमरे की कुंडी लगा अश्लील हरकतें शुरू कर दीं।
– बाद में बाबा के एक शिष्य के कुंडी खटखटाने पर जैसे-तैसे पीडि़ता बाबा के कक्ष से बाहर निकली।
– 8 अगस्त 2017 को बाबा के शिष्य उसे स्टेशन छोडकर आए।
– 11 सितम्बर 2017 को युवती ने बाबा के खिलाफ बिलासपुर में कराया यौन शोषण का मामला दर्ज।
– वहां पुलिस ने युवती का मेडिकल करा 164 के बयान दर्ज किए।
– 20 सितम्बर 2017 को विलासपुर पुलिस का एक एएसआई मामले की डायरी लेकर अलवर पहुंचा और अरावली विहार थाना पुलिस ने बाबा के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज किया।
– 21 सितम्बर को पीडि़ता अपने माता-पिता के साथ अलवर आई। पुलिस ने पीडि़ता के 161 के बयान दर्ज किए।
– 22 सितम्बर को पुलिस पीडि़ता को आश्रम लेकर पहुंची। यहां जांच में बाबा के कमरे में जड़ी-बूटियां सहित महिलाओं की पायल मिली।
– 23 सितम्बर 2017 को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती बाबा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
– विलासपुर निवासी पीड़िता का परिवार 1986 में बाबा के सम्पर्क में आया।
– 7 अगस्त 2017 को पीडि़ता इन्टरशिप में मिले 3 हजार रुपए बाबा को भेंट करने अलवर आई और दिव्य धाम के कमरा नम्बर एक में ठहरी।
– शाम 7 बजे बाबा के एक शिष्य ने उसका दरवाजा खटखटाया और कहा कि बाबा ने बुलाया है।
– शाम 7.30 बजे वह बाबा के कमरे में पहुंची।
– बाबा ने पहले घरवालों के बारे में पूछताछ की, फिर लैपटॉप चालू कराया।
– इसके बाद बाबा ने सभी शिष्यों को जाप के लिए नहाने भेज दिया और अपने कमरे की कुंडी लगा अश्लील हरकतें शुरू कर दीं।
– बाद में बाबा के एक शिष्य के कुंडी खटखटाने पर जैसे-तैसे पीडि़ता बाबा के कक्ष से बाहर निकली।
– 8 अगस्त 2017 को बाबा के शिष्य उसे स्टेशन छोडकर आए।
– 11 सितम्बर 2017 को युवती ने बाबा के खिलाफ बिलासपुर में कराया यौन शोषण का मामला दर्ज।
– वहां पुलिस ने युवती का मेडिकल करा 164 के बयान दर्ज किए।
– 20 सितम्बर 2017 को विलासपुर पुलिस का एक एएसआई मामले की डायरी लेकर अलवर पहुंचा और अरावली विहार थाना पुलिस ने बाबा के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज किया।
– 21 सितम्बर को पीडि़ता अपने माता-पिता के साथ अलवर आई। पुलिस ने पीडि़ता के 161 के बयान दर्ज किए।
– 22 सितम्बर को पुलिस पीडि़ता को आश्रम लेकर पहुंची। यहां जांच में बाबा के कमरे में जड़ी-बूटियां सहित महिलाओं की पायल मिली।
– 23 सितम्बर 2017 को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती बाबा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।