संघ के सेक्रेटरी डॉ. अजय अनुरागी ने बताया कि जेकेके के खिलाफ प्रदेश के कलाकार लगातार विरोध कर रहे हैं, इस आंदोलन में प्रगतिशील लेखक संघ ने यहां के कलाकारों का साथ देने का फैसला लिया है। जयपुर सहित देशभर से संघ से जुड़े लेखक इसमें शामिल नहीं होंगे। लेखक मुक्तिबोध का विरोध नहीं कर रहे हैं, सभी जेकेके प्रशासन की नीतियों के खिलाफ है। इप्टा के नेशनल प्रेसिडेंट रणबीर सिंह ने कहा कि संयुक्त कलाकार मोर्चा मुक्तिबोध के खिलाफ नहीं है, जेकेके में हो रहे गलत निर्णयों के खिलाफ है। इस पर प्रगतिशील लेखक संघ कलाकारों के साथ है।
जेकेके की ओर से कविता के क्षेत्र में इस प्रकार का विशाल आयोजन प्रथम बार किया जा रहा है। हिन्दी उर्दू कविता के क्षेत्र में वर्तमान में अपार सक्रिय बहुलता है और यह समारोह इसे प्रतिबिम्बित करने का एक प्रयास है। च्समवायच् में उद्घाटन भाषण वरिष्ठ हिन्दी कवि व आलोचक, अशोक वाजपेयी द्वारा दिया जाएगा।
ये होंगे शामिल –
हिन्दी-उर्दू सविता में सक्रिय चार पीढिय़ों के कवि व आलोचक शामिल होंगे। इनमें नन्दकिशोर आचार्य, विष्णु खरे, आलोक धन्वा, नरेश सक्सेना, मंगलेश डबराल, शीन काफ निजाम, ऋ तुराज, अरूण कमल, इब्बार रब्बी, पुरूषोत्तम अग्रवाल, अपूर्वानन्द, लीलाधर मंडलोई, विजय कुमार, अष्टभुजा शुक्ल, नन्द भारद्वाज, सविता सिंह प्रमुख होंगे। साथ ही व्योमेश शुक्ल, ज्योति चावला, बाबुशा कोहली, विवेक निराला, पारूल पुखराज, सुधांशु फि रदौस, अशोक कुमार पांडे, आशीष त्रिपाठी, वाजदा खान जैसे कवि शामिल हैं। ‘आज मुक्तिबोध’,’कविता की समझ और पहुंच’, ‘कविता में लोकत्व’, ‘कविता और अंत:करण’, ‘कविता और सच्चाई’ जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।
हिन्दी-उर्दू सविता में सक्रिय चार पीढिय़ों के कवि व आलोचक शामिल होंगे। इनमें नन्दकिशोर आचार्य, विष्णु खरे, आलोक धन्वा, नरेश सक्सेना, मंगलेश डबराल, शीन काफ निजाम, ऋ तुराज, अरूण कमल, इब्बार रब्बी, पुरूषोत्तम अग्रवाल, अपूर्वानन्द, लीलाधर मंडलोई, विजय कुमार, अष्टभुजा शुक्ल, नन्द भारद्वाज, सविता सिंह प्रमुख होंगे। साथ ही व्योमेश शुक्ल, ज्योति चावला, बाबुशा कोहली, विवेक निराला, पारूल पुखराज, सुधांशु फि रदौस, अशोक कुमार पांडे, आशीष त्रिपाठी, वाजदा खान जैसे कवि शामिल हैं। ‘आज मुक्तिबोध’,’कविता की समझ और पहुंच’, ‘कविता में लोकत्व’, ‘कविता और अंत:करण’, ‘कविता और सच्चाई’ जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।